‘ये’ हैं 18वीं लोकसभा में बौद्ध सांसद (2024–2029)

2024 में 18वीं लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ। इस लोकसभा चुनाव में कई बौद्ध उम्मीदवार खड़े थे और उसमें कुछ सांसद भी बने। आईए जानते हैं 18वीं लोकसभा में बौद्ध सांसद कौन हैं।

  Read this article in English 

2024 Buddhist MPs in 18th LokSabha
18वीं लोकसभा में बौद्ध सांसद – वर्षा गायकवाड़, किरेन रिजिजू और बलवंत वानखेडे 

विकिपीडिया पर कई ऐसे पेज उपलब्ध हैं जिनमें धर्म के आधार पर अमेरिकी सांसदों की सूची दी गई है (देखें)। लेकिन ऐसे विकिपीडिया पेज भारतीय सांसदों के बारे में नहीं बने है।

2024 में 18वीं लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ और नतीजें भी घोषित हुए। इस चुनाव में 543 सीटों पर उम्मीदवार सांसद चुने गये। संसद में विभिन्न धर्मों को मानने वाले सांसद पहुंचे। लोकसभा के अधिकांश सांसद हिंदू है, इसके बाद दुसरी बड़ी संख्या मुस्लिम सांसदों की हैं। ईसाई, सीख, बौद्ध और जैन सांसद भी संसद में हैं। तीन बौद्ध सांसद भी संसद पहुंचे, जिनकी धार्मिक पहचान स्पष्ट है। बेशक, इन तीनों के अलावा कुछ अज्ञात बौद्ध सांसद भी होने की संभावना है।

Buddhist MPs in 18th Lok Sabha

मुस्लिम सांसदों को ढूंढना आसान है, क्योंकि उनके नाम से उनकी धार्मिक पहचान आसानी से पता चल जाती है। यही स्थिति ईसाइयों और सीखों की भी है। लेकिन बौद्धों के मामले में ऐसा नहीं है। हिंदू और बौद्ध सांसदों के नाम लगभग एक जैसे होते हैं। 

1947 से 2024 तक 45 से अधिक बौद्ध सांसद लोकसभा के लिए चुने गए हैं। यह संख्या अधिक भी हो सकती है, क्योंकि कई बौद्ध सांसदों की धार्मिक पहचान स्पष्ट नहीं हुई है।

हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी एक न्यूज़ रिपोर्ट में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया और एनडीए के उम्मीदवारों और सांसदों की धर्म के अनुसार सूची जारी की है (चार्ट देखें)। इसमें कहा गया कि एनडीए और इंडिया दोनों गठबन्धनों द्वारा केवल 0.2% (यानी एक) बौद्ध उम्मीदवार मैदान में उतारे गए थे। इसमें यह भी दिखाया गया कि एनडीए और इंडिया दोनों के निर्वाचित बौद्ध सांसद शून्य % प्रतिशत हैं।

लेकिन ये सभी आँकड़े ग़लत हैं। चलिए, अब सच्चाई जानते हैं।

बौद्ध उम्मीदवार

18वीं लोकसभा में बौद्ध उम्मीदवार, जिनकी धार्मिक पहचान की पुष्टि हुई है।

एनडीए

  • शिवसेना – यामिनी जाधव (मुंबई दक्षिण, महाराष्ट्र)
  • बीजेपी – सुधाकर श्रृंगारे (लातूर, महाराष्ट्र)
  • बीजेपी – किरेन रिजिजू (पश्चिम अरुणाचल)
  • बीजेपी – ताशी ग्यालसन (लद्दाख)

 

इंडिया

  • कांग्रेस – वर्षा गायकवाड़ (मुंबई उत्तर मध्य)
  • कांग्रेस – बलवंत वानखेड़े (अमरावती, महाराष्ट्र)
  • कांग्रेस – सेरिंग नामग्याल (लद्दाख)
  • सपा – नवल शाक्य (फर्रुखाबाद, उ.प्र.)

 

एनडीए और इंडिया इन दोनों गठबन्धनों द्वारा 0.7% (यानी 4) बौद्ध उम्मीदवार मैदान में उतारे गए थे। इन 8 बौद्ध उम्मीदवारों में से केवल तीन ही सांसद बन सके।

लद्दाख सीट के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही बौद्ध उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जिससे बौद्ध वोट विभाजित हो गए और एक निर्दलीय मुस्लिम उम्मीदवार सांसद के रूप में चुना गया। 

महाराष्ट्र के अकोला सीट से प्रकाश आंबेडकर, बाबासाहेब के पोते और वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष, स्वयं के बलबूते पर खड़े थे, लेकिन हार गए। अगर वो महाविकास आघाड़ी में शामिल होते तो जरूर जीतते और लोकसभा में एक और बौद्ध सांसद होता।

 

ये हैं बौद्ध चेहरे, जो संसद पहुंचे

18वीं लोकसभा में तीन सांसद बौद्ध हैं, और इन तीनों की धार्मिक पहचान प्रमाणित हुई है। बेशक, इन तीनों के अलावा कुछ अज्ञात बौद्ध सांसद होने की संभावना है। 

18वीं लोकसभा में तीन बौद्ध सांसद :

  • बीजेपी – किरेन रिजिजू (वेस्ट अरुणाचल)
  • कांग्रेस – वर्षा गायकवाड़ (नॉर्थ सेंटर मुंबई)
  • कांग्रेस – बलवंत वानखेड़े (अमरावती)

किरेन रिजिजू चौथी बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं, और वो वर्तमान में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं। जबकि, गायकवाड़ और वानखेड़े पहली बार सांसद बने हैं। 

एनडीए के 0.2% (यानी 1) बौद्ध सांसद लोकसभा में है, और इंडिया गठबंधन के 0.4% (यानी 2) बौद्ध सांसद हैं। 

 

आइये संक्षेप में तीनों बौद्ध सांसदों के जीवन के बारे में जानते हैं

किरेन रिजिजू :

किरेन रिजिजू एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो जून 2024 से भारत सरकार में 28वें संसदीय कार्य मंत्री और 7वें अल्पसंख्यक मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।

पहली बार कोई बौद्ध व्यक्ति अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रमुख बना है। रिजिजू का जन्म 19 नवंबर 1971 को भारत के अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में नफरा के पास नाखू में एक बौद्ध परिवार में हुआ था।

वह पश्चिम अरुणाचल प्रदेश लोकसभा क्षेत्र से चार बार (2004, 2014, 2019 और 2024 में) संसद के लिए चुने गए हैं।

किरेन रिजिजू ने केंद्र सरकार में सात बार मंत्री के रूप में कार्य किया है; जिसमें वह चार बार कैबिनेट मंत्री और तीन बार राज्य मंत्री रहे।

 

वर्षा गायकवाड़ :

प्रोफेसर वर्षा एकनाथ गायकवाड़ मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष हैं। वह 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर मध्य मुंबई सीट से जीती।

उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार एवं वरिष्ठ वकील उज्वल निकम को 16,514 वोटों से हराया। उत्तर मध्य मुंबई सीट पर पिछले दस साल से बीजेपी का कब्जा था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने बाजी मारी।

चुनाव के समय वर्षा गायकवाड़ विधायक थीं और मुंबई की धारावी सीट से लगातार चार बार [2004, 2009, 2014 और 2019] महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनी गईं।

वर्षा गायकवाड़ के पिता एकनाथ गायकवाड़ भी 2004 में इसी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे।

1957 में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के शेड्युल्ड कास्ट्स फेडरेशन के उम्मीदवार गोपाल माने और 1998 में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार रामदास आठवले जैसे बौद्ध उम्मीदवार भी इस निर्वाचन क्षेत्र से संसद में गए थे।

वर्षा गायकवाड़ महाराष्ट्र की एकमात्र ऐसी बौद्ध तथा अनुसूचित जाति की उम्मीदवार है जो सर्वसाधारण सीट से सांसद बनी।

 

बलवंत वानखेड़े :

अमरावती सीट पर तब के मौजूदा सांसद नवनीत कौर राणा और मौजूदा विधायक बलवंत बसवंत वानखेड़े के बीच मुकाबला हुआ था।

19,731 वोटो से बलवंत वानखेड़े ने बीजेपी उम्मीदवार नवनीत राणा को हराया। सांसद बलवंत वानखेड़े बौद्ध धर्म के अनुयायी है। वह दरियापुर से महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य थे (2019-2024)।

बलवंत वानखेड़े का राजनीतिक करियर ग्राम पंचायत सदस्य, सरपंच, फिर विधायक और अब सांसद के रूप में रहा है।

अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है। नवनीत कौर राणा ‘मोची/ चमार’ जाति से हैं और सिख या हिंदू समुदाय से हैं। वहीं बलवंत वानखेड़े ‘महार’ जाति और बौद्ध समुदाय से हैं। 

 

गैर-बौद्ध सांसद

कई दलित सांसदों को ‘बौद्ध’ माना जाता है, लेकिन वो बौद्ध नहीं है।

गैर-बौद्ध सांसद, जिनकी धार्मिक पहचान स्पष्ट है।

  • एएसपी (केआर) – चन्द्रशेखर आज़ाद (नगीना, उत्तर प्रदेश)
  • वीसीके – थोल. थिरुमावलवन (चिदंबरम, तमिलनाडु)

लोकसभा में शपथ लेते समय ‘नमो बुद्धाय‘ कहने वाले एकमात्र सांसद चन्द्रशेखर आज़ाद ‘बौद्ध’ नहीं बल्कि ‘अधार्मिक’ हैं। वो युवा दलित नेता, भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के अध्यक्ष हैं। 16 सितंबर 2018 को एक इंटरव्यू में चन्द्रशेखर आजाद ने कहा, ”मैं नास्तिक हूं और धर्म में विश्वास नहीं रखता।” (सन्दर्भ)   

तमिलनाडु के दलित नेता एवं सांसद, थोल. तिरुमावलवन ने एक इंटरव्यू में कहा है कि वह ईसाई धर्म में विश्वास रखते हैं। (सन्दर्भ)   

 

सांसद, जो शायद बौद्ध हो सकते हैं  

18वीं लोकसभा में कुछ सांसद ऐसे भी हैं जिन्हें बौद्ध माना जाता है, हालांकि उनकी धार्मिक पहचान स्पष्ट नहीं है। इनमें से कुछ बौद्ध और कुछ गैर-बौद्ध हो सकते हैं।

  • कांग्रेस – राधाकृष्ण (गुलबर्गा, कर्नाटक), मल्लिकार्जुन खड़गे के दामाद 
  • वीसीके – रविकुमार (विल्लुपुरम, तमिलनाडु)
  • बीजेपी – अर्जुन राम मेघवाल (बीकानेर, राजस्थान) 
  • सपा – आर. के. चौधरी (मोहनलालगंज, उ.प्र.)
  • कांग्रेस – शशिकांत सेंथिल (तिरुवल्लूर, तमिलनाडु)
  • बीजेपी – तापिर गाओ (पूर्व अरुणाचल)
  • एडी(एस) – अनुप्रिया पटेल (मिर्जापुर, उ.प्र.)
  • कांग्रेस – संजना जाटव (भरतपुर, राजस्थान)
  • कांग्रेस – भजन लाल जाटव (करौली-धौलपुर, राजस्थान)

 

राहुल गांधी भी बौद्ध धर्म का पालन करते हैं लेकिन उन्होंने खुद को ‘बौद्ध’ नहीं बताया है। ऐसा शायद इसलिए क्योंकि ये उनके लिए बेहद निजी मामला है या फिर उन्हें इससे कोई राजनीतिक फ़ायदा नज़र नहीं आता। उनकी बहन प्रियंका गांधी भी बौद्ध दर्शन का पालन करती हैं। लेकिन वो भी अपने भाई की तरह खुद को एक बौद्ध नहीं कहेंगी।

 

17वीं लोकसभा में बौद्ध सांसद

17वीं लोकसभा (2019-24) में बौद्ध सांसद पांच या 0.9% थे।

  • भाजपा – श्रीनिवास प्रसाद, चामराजनगर (एससी), कर्नाटक
  • भाजपा – सुधाकर श्रृंगारे, लातूर (एससी), महाराष्ट्र
  • भाजपा – किरेन रिजिजू, पश्चिम अरुणाचल
  • भाजपा – जामयांग नामग्याल, लद्दाख
  • सपा – संघमित्रा मौर्य – बदायूं, उत्तर प्रदेश
Buddhist MPs in the Rajya Sabha
राज्यसभा में बौद्ध सांसद – रामदास आठवले, मल्लिकार्जुन खड़गे और चंद्रकांत हंडोरे

राज्यसभा में बौद्ध सांसद

राज्यसभा में बौद्ध सांसद तीन (1.2%) हैं – मल्लिकार्जुन खड़गे, रामदास आठवले और चंद्रकांत हंडोरे। मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में विपक्ष नेता और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

चंद्रकांत हंडोर भी महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेता हैं। रामदास आठवले महाराष्ट्र के दलित नेता, वर्तमान राज्यमंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष है।

लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी इंडिया गठबंधन के दो और एनडीए का एक सांसद बौद्ध हैं।


विनम्र सूचना : यदि आप 2024 के लोकसभा चुनावों में संसद के लिए चुने गए किसी अन्य बौद्ध सांसद/ सांसदों के बारे में जानते हैं, तो कृपया हमें जरुर बताएं। बौद्ध सांसदों के नाम के साथ-साथ यह संदर्भ भी देना जरूरी है कि उनकी धार्मिक पहचान स्पष्ट होगी। संपर्क – ई-मेल



‘धम्म भारत’ पर मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में लेख लिखे जाते हैं : 


दोस्तों, धम्म भारत के इसी तरह के नए लेखों की सूचना पाने के लिए स्क्रीन की नीचे दाईं ओर लाल घंटी के आइकन पर क्लिक करें।

धम्म धम्म भारत के सभी अपडेट पाने के लिए हमें फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलिग्राम, इंस्टाग्राम, ट्विटर पर फॉलो और सब्सक्राइब अवश्य करें। संपर्क के लिए आप ई-मेल कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!