नई संसद में आंबेडकर का म्यूरल, जिसका आकार 19 फीट और वजन 12 टन है!

नए संसद भवन में वल्लभभाई पटेल और डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर का म्यूरल (भित्तिचित्र) स्थापित किया गया है। इस विशाल भित्तिचित्र का आकार 19 फीट और वजन 12 टन है। – Dr Ambedkar Mural in Parliament House 

Patel-Ambedkar mural in New Parliament
संसद भवन में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का म्यूरल – Patel-Ambedkar mural in New Parliament

भारत के नए संसद भवन में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की एक विशाल भित्तिचित्र स्थापित किया गया है। इस लेख में हम संसद भवन में लगे इस भित्ति चित्र के बारे में जानने जा रहे हैं।

भारत का नया संसद भवन मई 2023 को राष्ट्र को समर्पित किया गया था। नई संसद की दीवारों पर कई अद्भुत कलाकृतियों की लगी है जो वैभव का अहसास कराती है।

नए संसद भवन में सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की एक विशाल भित्तिचित्र है, जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत‘ की विचारधारा को दर्शा रहा है। 

यह एक गोलाकार एवं 19 फीट लंबा भित्तिचित्र है और संसद भवन के तीन द्वारों में से एक – गरुड़ द्वार पर स्थित है। गरुड़ द्वार सभी गणमान्य व्यक्तियों का मुख्य प्रवेश द्वार है।

नए संसद भवन के सेंट्रल हॉल में संविधान गैलरी में भारतीय संस्कृति और इतिहास को दर्शाने वाले कई भित्ति चित्र हैं। इसमें महावीर तथा बुद्ध का शिल्प, सम्राट अशोक के शिल्प के साथ उनके मौर्य साम्राज्य का नक्शा, संविधान सभा के अध्यक्ष को संविधान सौंपते हुए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का शिल्प शामिल है।

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल और संविधान रचयिता डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर आधुनिक भारत के प्रमुख निर्माता थे। इन दोनों राष्ट्रपुरुषों के सम्मान में मोदी सरकार ने नए संसद भवन में एक भव्य शिल्प (भित्तिचित्र) स्थापित किया है।

 

संसद भवन में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का म्यूरल

Sculpture of Sardar Vallabhbhai Patel and Dr Babasaheb Ambedkar in new Parliament building
नए संसद भवन में सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का म्यूरल यानि भित्तिचित्र (ट्विटर/@murtikarnk)

12 टन वज़नी सिक्के के आकार की म्यूरल को संसद लाने में कई चुनौतियाँ आई।

भारत के संसद भवन में एक भव्य भित्तिचित्र (म्यूरल) स्थापित की गई है, जिस पर सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर को दर्शाया गया है।

संसद भवन के गरुड़ द्वार पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का म्यूरल लगाया गया है।

पंचधातु पीतल से निर्मित, यह भित्ति चित्र 19 फीट का है। यानी 151 फीट ऊंची प्रतिमा के चेहरे का आकार इस भित्तिचित्र में बाबासाहेब के चेहरे के आकार के समान है।

मूर्तिकार नरेश कुमावत ने डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर के इस भित्तिचित्र का निर्माण किया है। इस मूर्तिकार ने बाबासाहब की कई मूर्तियाँ बनाई हैं, उनमें से जिनेवा (स्विट्जरलैंड), मॉरीशस, अमेरिका, उज्बेकिस्तान में स्थापित की गई हैं।

यह भित्तिचित्र बनाने में मात्र 35 दिन लगे। हालांकि ऐसी म्युरल बनाने में आमतौर पर चार से पांच महीने लग जाते हैं।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 300 से अधिक मूल तस्वीरों को देखने के बाद, अंततः एक को म्युरल पर उकेरने के लिए चुना गया।

मूर्तिकार ने वल्लभभाई पटेल और बाबासाहेब आंबेडकर दोनों के चेहरे पर एक ही भाव लाने की कोशिश की है।

Ambedkar mural in New Parliament
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 300+ मूल तस्वीरों में इस एक तस्वीर को म्युरल पर उकेरने के लिए चुना गया। Ambedkar mural in New Parliament

अपने बड़े आकार के कारण, अखंड भित्तिचित्र को बिना किसी रुकावट के संसद के दरवाजे से ले जाना संभव नहीं था। इसके लिए, म्युरल को कई भागों में काटा गया और संसद भवन के दरवाजे से अंतर ले जाया गया और फिर सभी टुकड़ों को वापस एक साथ जोड़ दिया गया।

भारत की नई संसद में गरुड़ द्वार पर स्थापित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और वल्लभभाई पटेल का भव्य म्यूरल हर किसी का ध्यान आकर्षित करता है।


संदर्भ : विराट व्यक्तित्व वाले डॉ भीमराव आंबेडकर के शिल्प को नये संसद भवन के अंदर लाना आसान काम नहीं था। 5 महीनों में होने वाले काम को कैसे 30 दिन के अंदर किया गया पूरा। 12 टन वज़नी सिक्के के आकर की अपनी तरह की पहली म्यूरल को लाने में क्या आई चुनौतियाँ। और कैसे मशहूर मूर्तिकार नरेश कुमावत ने संसद भवन में काम करने के मौक़े को सम्मान और गौरव पूर्ण बताया। पर्दे के पीछे की पूरी कहानी संसद टीवी ला रही हैं आपके सामने इस ख़ास बातचीत के ज़रिये – वीडियो दखें


पुराने संसद भवन में आंबेडकर 

पुराने भारतीय संसद भवन, जिसे अब “संविधान भवन” कहा जाता है, में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की एक पूर्ण लंबाई वाली प्रतिमा और उनके दो तैलचित्र स्थापित हैं।

2 अप्रैल 1967 को भारत की संसद में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 3.66 मीटर (12 फुट) ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई थी। मूर्तिकार बी.वी. वाघ द्वारा गढ़ी गई इस प्रतिमा का अनावरण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वेपल्ली राधाकृष्णन ने किया था।

 

12 अप्रैल 1990 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का तैलचित्र लगाया गया। ज़ेबा अमरोहावी द्वारा चित्रित डॉ. आंबेडकर के चित्र का अनावरण भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी. सिंह ने किया था।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का एक और चित्र संसद भवन के संसदीय संग्रहालय और अभिलेखागार में लगाया गया है।


 


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