डॉ॰ बाबासाहब आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को भारत सहित पूरी दुनिया में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। आंबेडकर जयंती को ‘समानता दिवस‘ और ‘ज्ञान दिवस‘ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. आंबेडकर को समानता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।
Ambedkar Jayanti 2023
आंंबेडकर जयंती भारत के सबसे बड़े एवं सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हर साल डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मदिन पर उनके करोड़ों अनुयायी उनकी जन्मभूमि, दीक्षाभूमि, चैत्य भूमि, और कई स्थानीय स्थानों पर उनका अभिवादन करने के लिए इकट्ठा होते हैं।
बाबासाहब को उनके मानवाधिकार आंदोलन, संविधान के निर्माण और उनकी प्रचंड विद्वता के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। उनके सम्मान में आंंबेडकर जयंती को मनाया जाता है।
सरकारी कार्यालयों और यहां तक कि भारत के बौद्ध मठों में भी बाबासाहब की जयंती मनाकर उन्हें सम्मानित किया जाता है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 132 वीं जयंती के मौके पर जानते हैं आंबेडकर जयंती से जुड़े 20 अनजाने और रोचक तथ्य…
Dr. B.R. Ambedkar Jayanti Interesting Facts in Hindi
आंबेडकर जयंती के बारे में 20 ऐसी बातें जो शायद आप नहीं जानते!
1. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती हर साल 100 से भी अधिक देशों में मनाई जाती है। बाबासाहेब की जयंती भारत में किसी भी व्यक्ति की तुलना में बड़े और व्यापक रूप से मनाई जाती है।
2. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने अपने पूरे जीवन भर “समानता” के लिए संघर्ष किया, इसलिए उनके जन्मदिन को भारत में ‘राष्ट्रीय समानता दिवस‘ (National Equality Day) के रूप में मनाया जाता है, और लंबे समय तक इस दिन को ‘अंतर्राष्ट्रीय समानता दिवस‘ (International Equality Day घोषित करने की मांग संयुक्त राज्य अमेरिका में होती रही है।
3. भारतीय डाक (India Post) ने 1966, 1973, 1991, 2001 और 2013 में डॉ बाबासाहब आंंबेडकर के जन्मदिन को समर्पित डाक टिकट जारी किए थे, और उन्हें 2009, 2015, 2016, 2017 और 2020 में अन्य टिकटों पर भी चित्रित किया।
4. 14 अप्रैल 1990 को, बाबासाहेब के 99वे जन्मदिवस के अवसर पर उन्हे को भारतरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी वर्ष उनका एक तैलचित्र का संसद के सेंट्रल हॉल में अनावरण भी किया गया। 14 अप्रैल 1990 से 14 अप्रैल 1991 की अवधि को बाबासाहब की याद में “सामाजिक न्याय का वर्ष” के रूप में मनाया गया था।
5. संयुक्त राष्ट्र ने लगातार 3 साल – 2016, 2017 और 2018 में आंबेडकर जयंती मनाई। 2016 में, बाबासाहब 125 वी जयंती 102 देशों में तथा United Nations में 156 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा मनाई गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने बाबासाहब को “विश्व का प्रणेता” कहा था।
6. आंबेडकर जयंती भारत के 25 से अधिक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में एक सार्वजनिक अवकाश है, जिसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पांडिचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
भारत में किसी भी ऐतिहासिक तथा पौराणिक व्यक्ती कि तुलना में बाबासाहेब का जन्मदिवस ही सबसे अधिक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में एक सार्वजनिक अवकाश है।
7. कनाडा की बर्नबी में, 14 अप्रैल 2020 को “डॉ. बी.आर. आंबेडकर डे ऑफ इक्वेलिटी” (Dr. B.R. Ambedkar Day of Equality) के रूप में मनाया गया। यह निर्णय काउंसिल ऑफ द सिटी ऑफ बर्नबी, कनाडा द्वारा लिया गया था।
8. कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत कि सरकार ने आंबेडकर जयंती 14 अप्रैल 2021 को अपने ब्रिटिश कोलंबिया राज्य में “डॉ. बी. आर. आम्बेडकर समानता दिवस” (Dr. B. R. Ambedkar Equality Day) के रूप में मनाया था। 2022 में भी ऐसा निर्णय लिया गया हैं।
9. बाबासाहब की जयंती के अवसर पर उनसे संबंधित करोड़ो रुपयों की किताबें खरीदी जाती हैं। मुख्य रूप से आंबेडकर जयंती जिस स्थानीय जगह लोग इकट्ठा होकर मनाते हैं वह काफी सारे बुक स्टॉल भी होते हैं। नागपुर की दीक्षाभूमि और मुंबई की चैत्य भूमि में बहुत ही ज्यादा बड़ी संख्या में किताबों की बिक्री होते हैं।
10. बाबासाहब की जयंती के उपलक्ष में देश-विदेश में मौजूद करोड़ो लोग उन्हें अभिवादन करने हेतु उनके कुछ लाख पुतलों तथा प्रतिमाओं पर पुष्प माला चढ़ाते हैं।
11. देश के अन्य राष्ट्रीय नेताओं के जन्म दिनों की तुलना में आंबेडकर जयंती पर बाबासाहेब के बारे में Internet और Wikipedia पर सबसे अधिक जानकारी खोजी जाती है। यानी वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, इंदिरा गांधी इन सभी से ज्यादा डॉ. आंबेडकर इंटरनेट एवं विकिपीडिया खोजें तथा पढ़े जाते हैं।
12. डॉ बाबासाहेब आबेडकर जयंती के अवसर पर, बाबासाहब की जानकारी अंग्रेजी और हिंदी के बाद मराठी में सबसे अधिक खोजी एवं पढ़ी जाती हैं।
13. आंबेडकर जयंती को सार्वजनिक तौर पर पहली बार सदाशिव रणपिसे द्वारा 14 अप्रेल 1928 में पुणे शहर में मनाया गया था। सदाशिव रणपिसे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के अनुयायी थे। उन्होंने आंबेडकर जयंती की प्रथा शुरू की और जयंती के अवसरों पर बाबासाहेब की प्रतिमा हाथी के अंबारी में रखकर, रथ से, उंट के उपर कई रैलियां निकाली थी।
14. 2017 से, महाराष्ट्र सरकार द्वारा 14 अप्रैल को बाबासाहेब की याद में ज्ञान दिवस (Knowledge Day) के रूप में मनाया जाता है।
15. 14 अप्रैल 2015 को, आंबेडकर के 124 वें जन्मदिन के लिए एक Google डूडल प्रकाशित किया गया था। इस डूडल को भारत, अर्जेंटीना, चिली, आयरलैंड, पेरू, पोलैंड, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम में चित्रित किया गया था। तीन महाद्विपों के देशों में यह डुडल था।
16. संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में कोलोराडो सरकार अपने राज्य में 14 अप्रैल को ‘डॉ. बी.आर. अंबेडकर इक्विटी दिवस‘ (Dr. B.R. Ambedkar Equity Day) के रूप मनाती है।
17. 13 अप्रैल 2022 को तमिलनाडु सरकार ने भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मदिन को ‘समानता दिवस‘ (Equality Day) के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
18. 2022 में, जर्सी सिटी (न्यू जर्सी राज्य, यूएसए) के नगर निगम ने भी बाबासाहब आंबेडकर के जन्मदिन को ‘समानता दिवस’ के रूप में मनाया है।
19. 2022 में, Surrey शहर (ब्रिटिश कोलंबिया राज्य, कनाडा) के नगर निगम ने भी बाबासाहेब के जन्मदिन को ‘समानता दिवस’ (Equality Day) के रूप में घोषित किया है।
20. 2023 में अमेरिकी राज्य मिशिगन में बाबासाहब और फुले को सम्मानित किया जा रहा है। डॉ बाबासाहब आंबेडकर और महात्मा फुले के सम्मान में, मिशिगन की गवर्नर, ग्रेटचेन व्हिटमर ने 9 – 15 अप्रैल, 2023 को मिशिगन में “सोशल इक्विटी वीक” के रूप में घोषित किया हैं। संदर्भ
महात्मा जोतीराव फुले (11 अप्रैल) और डॉ बाबासाहेब आंबेडकर (14 अप्रैल) इन दोनों की जयंतियां इस सप्ताह में हैं।
21. 132वीं आंबेडकर जयंती के मौके पर हैदराबाद में दुनिया की सबसे बड़ी डॉ. आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण होने जा रहा है।
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