विश्व की 12 बौद्ध महिला राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री

Last Updated on 22 October 2025 by Sandesh Hiwale

दुनिया भर में कई महिला शासक हुई, जो इतिहास में अमर हो गई। आधुनिक दुनिया में, कई महिलाओं ने राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री का पद धारण करके अपना देश चलाया है। इनमें कई बौद्ध महिलाएं भी हैं।

 हा लेख मराठीत वाचा 

 Read this article in English 

इस लेख में कुछ बौद्ध महिलाएं शामिल हैं जिन्होंने अपने देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री या उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की पहली महिला प्रधानमंत्री बौद्ध थीं!

इन बौद्ध महिलाओं ने देश के प्रधान मंत्री या राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया और उस देश पर शासन किया, उस देश को चलाया। विश्व राजनीति में, विशेषकर बौद्ध देशों में बौद्ध महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। दुनिया में लगभग 18 बौद्ध देश और गणराज्य हैं और बौद्ध महिलाएं इन बौद्ध देशों में राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री बन चुकी हैं।

ये बारह बौद्ध महिलाएं हैं जिन्होंने राष्ट्रों पर शासन किया – आपने कितनों के बारे में सुना है?

 

12 बौद्ध महिला राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री – Buddhist Women Presidents and Prime Ministers

1. सिरिमावो भंडारनायके (श्रीलंका की प्रधानमंत्री)

Sirimavo Bandaranaike – imago-images

सिरिमावो भंडारनायके (1916-2000) एक श्रीलंकाई राजनीतिज्ञ और श्रीलंका की छठी प्रधानमंत्री थी। जब वह 1960 में श्रीलंका की प्रधानमंत्री बनीं, तो उन्हें दुनिया की पहली महिला प्रधान मंत्री गौरव मिला। वह बौद्ध धर्म की अनुयायी थीं।

उन्होंने 1960-1965, 1970-1977 और 19942000 के बीच तीन बार श्रीलंका की प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने लंबे समय तक राजनीतिक दल – श्रीलंका फ्रीडम पार्टी का नेतृत्व भी किया। उन्‍होंने श्रीलंका के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई बेहतरीन कार्य किए।

सिरिमावो भंडारनायके के पति सोलोमन वेस्ट रिजवे भंडारनायके थे, जो श्रीलंका के चौथे प्रधान मंत्री थे। उनके बच्चे चंद्रिका कुमारतुंगा (श्रीलंका की पांचवीं राष्ट्रपति और पूर्व प्रधान मंत्री) और अनुरा भंडारनायके (श्रीलंका के पूर्व कैबिनेट मंत्री) थे।

चूंकि श्रीलंका एक बौद्ध राष्ट्र है, कानूनी तौर पर यहां राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री बौद्ध होते हैं। श्रीलंका की लगभग 70 प्रतिशत आबादी बौद्ध है।

 

2. चंद्रिका कुमारतुंगा (श्रीलंका की राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री)

Chandrika Kumaratunga  – psautographs.ecrater

चंद्रिका कुमारतुंगा (जन्म 29 जून 1945) एक श्रीलंकाई राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने 12 नवंबर 1994 से 19 नवंबर 2005 तक श्रीलंका की पांचवीं राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वह श्रीलंका के एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार की एक महिला हैं।

इससे पहले वह 19 अगस्त 1994 से 12 नवंबर 1994 तक कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री भी रहीं। 2005 के अंत तक, वह श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (SLFP) की अध्यक्ष थीं।

चंद्रिका श्रीलंका की पहली और अब तक की एकमात्र महिला राष्ट्रपति हैं। वह श्रीलंका के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों, सोलोमन वेस्ट रिजवे डायस भंडारनायके और सिरिमावो भंडारनायके की बेटी हैं।

 

3. न्याम-ओसोरीन तुया (मंगोलिया की प्रधानमंत्री)

Nyam-Osoryn Tuyaa

न्याम-ओसोरीन तुया (जन्म 1958) एक पूर्व मंगोलियाई राजनीतिज्ञ हैं। वह 22 जुलाई 1999 से 30 जुलाई 1999 तक की छोटी अवधि के लिए मंगोलिया की कार्यवाहक प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ईएससीए) के 55 वें सत्र के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। मंगोलिया भी एक बौद्ध देश है जिसकी 90% से अधिक आबादी बौद्ध धर्म का पालन करती है।

 

4. ऍनेट लू (ताइवान की उपराष्ट्रपती)

Annette Lu Hsiu-lien

ऍनेट लू हसिउ-लियन (जन्म 1944) एक ताइवानी राजनेता और देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हैं। तांगवई आंदोलन में सक्रिय एक नारीवादी एनेट लाउ, 1990 में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी में शामिल हुईं और 1992 में विधायी युआन के लिए चुनी गईं।

इसके बाद, उन्होंने 1997 से 2000 तक ताओयुआन काउंटी मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया और 20 मई 2000 से 20 मई 2008 तक चीन गणराज्य यानी ताइवान की उपराष्ट्रपती रहीं। ताइवान की लगभग 93 प्रतिशत आबादी बौद्ध है।

 

5. ये चू-लान (ताइवान की उपप्रधानमंत्री)

Yeh Chu-lan

ये चू-लान (जन्म 1949) एक ताइवानी राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने काऊशुंग की कार्यकारी मेयर और ताइवान की उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है। वह 20 मई 2004 से 21 फरवरी 2005 तक चीन गणराज्य की उपपंतप्रधान (वाइस प्रीमियर) रहीं।

 

6. यिंगलक शिनावत्रा (थाईलैंड की प्रधानमंत्री)

Yingluck Shinawatra

यिंगलक शिनावत्रा एक थाई राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने 5 अगस्त 2011 से 7 मई 2014 तक थाईलैंड के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। थाईलैंड की लगभग 95 प्रतिशत आबादी बौद्ध है। वह थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री तथा 60 से अधिक वर्षों में सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं।

जून 2011 के आम चुनावों में फी थाई पार्टी के बहुमत से जीतने के बाद यिंगलक शिनावात्रा थाईलैंड की 28 वीं प्रधानमंत्री बनीं। वह 30 जून 2013 से 7 मई 2014 तक थाईलैंड की रक्षा मंत्री भी रहीं।

 

7. पार्क ग्यून-हे (द. कोरिया की राष्ट्रपति)

Park Geun-hye

पार्क ग्यून-हे (जन्म 2 फरवरी 1952) एक दक्षिण कोरियाई बौद्ध राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने 25 फरवरी 2013 से 10 मार्च 2017 तक दक्षिण कोरिया के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। दक्षिण कोरिया परंपरागत रूप से एक बौद्ध देश है। हालाँकि, वर्तमान समय में इस देश में बौद्ध धर्म और ईसाई धर्म यह दोनों प्रमुख धर्म हैं।

 

8. आंग सान सू की (म्यांमार की प्रधानमंत्री)

Aung San Suu Kyi

आंग सान सू की (जन्म 19 जून 1945) एक बर्मी राजनीतिज्ञ, लेखिका और 1991 के नोबेल शांति पुरस्कार की विजेता हैं। उन्होंने 6 अप्रैल 2016 से 1 फरवरी 2021 तक म्यांमार की प्रधान मंत्री (स्टेट काउंसलर) और विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया।

उन्होंने 2011 से नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है, और 1988 से 2011 तक पार्टी की महासचिव थी।

आंग सान सू की बर्मा में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन की नेता हैं, जिन्होंने अपने देश में लोकतंत्र लाने के लिए लगभग 25 वर्षों तक सैन्य शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने पहली बार 9 जून 2012 को म्यांमार की विपक्ष नेता के रूप में म्यांमार की संसद में कदम रखा।

सू की को सैन्य शासन का विरोध करने के लिए कई वर्षों तक जेल में रखा गया था। 1992 में, उन्हें म्यांमार में सैन्य दमनकारी शासन के खिलाफ उनके अहिंसक आंदोलन के लिए भारत सरकार द्वारा जवाहरलाल नेहरू शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

आपको बता दे की, म्यांमार एक बौद्ध देश है और इसके लगभग 90 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं।

 

9. मेन सैम एन (कंबोडिया की उप प्रधानमंत्री)

Men Sam An (globewomen.com)

मेन सैम एन (जन्म 1953) एक कंबोडियाई राजनीतिज्ञ और कंबोडिया की वर्तमान उप प्रधानमंत्री हैं। वह कंबोडियन पीपल्स पार्टी की सदस्य हैं और 2003 में नेशनल असेंबली में स्वे रिएंग प्रांत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुनी गई थीं।

25 सितंबर 2008 से, वह कंबोडिया की उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य कर रही है। वह देश की पहली महिला उप प्रधानमंत्री और फोर स्टार जनरल हैं। वह 1970 में अमेरिका समर्थित खमेर गणराज्य के दौरान सेना में शामिल हुईं, उन्होंने सेना में नर्स के रूप में अपना करियर शुरू किया।

कंबोडिया बौद्धों के उच्चतम अनुपात वाला देश है, जहां लगभग 98 प्रतिशत आबादी बौद्ध धर्म को मानने वाली है।

 

10. त्साई इंग-वेन (ताइवान की राष्ट्रपति और उप प्रधानमंत्री)

Tsai Ing-wen

त्साई इंग-वेन त्साई इंग-वेन (जन्म 31 अगस्त 1956) एक ताइवानी राजनेता और विधि विद्वान हैं, जिन्होंने 2016 से 2024 तक रिपब्लिक ऑफ चाइना (ताइवान) की सातवीं राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।

वह डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) की सदस्य हैं और उन्होंने 2008 से 2012, 2014 से 2018, और 2020 से 2022 तक अंतराल में डीपीपी की अध्यक्षता भी की। वह ताइवान के इतिहास में राष्ट्रपति पद संभालने वाली पहली महिला थीं।

वह बौद्ध धर्म की निष्ठावान अनुयायी हैं। वह 25 जनवरी 2006 से 21 मई 2008 तक ताइवान की उप प्रधान मंत्री (वॉयस प्रीमियर) भी रहीं।

 

11. पेतोंगटर्न शिनावात्रा (थाईलैंड की प्रधानमंत्री)

पेतोंगटर्न शिनावात्रा (जन्म 21 अगस्त 1986) एक प्रसिद्ध थाई राजनीतिज्ञ और व्यवसायी हैं, जिन्होंने 2024 से 2025 तक थाईलैंड की 31वीं प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

वह फ्यू थाई पार्टी की प्रमुख नेता हैं और पूर्व प्रधानमंत्री ठाकसिन शिनावात्रा (23वें प्रधानमंत्री) की बेटी तथा पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा (28वीं प्रधानमंत्री) की भतीजी हैं। अपनी प्रगतिशील सोच, ऊर्जावान नेतृत्व और मजबूत नीतियों के लिए वह थाई राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व मानी जाती हैं। वह बौद्ध धर्म की निष्ठावान अनुयायी हैं। वह थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनने वाली दूसरी बौद्ध महिला हैं।

 

12. सानाए ताकाइची (जापान की प्रधानमंत्री)

undefined

सानाए ताकाइची (जन्म 7 मार्च 1961) एक जापानी राजनेता हैं, जो अक्टूबर 2025 से जापान की प्रधानमंत्री और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही हैं। वे इन दोनों पदों को संभालने वाली पहली महिला हैं, और साथ ही नारा प्रान्त से इन पदों तक पहुँचने वाली पहली व्यक्ति भी हैं। वे 1993 से 2003 तक और फिर 2005 से जापान की प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) की सदस्य रही हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने शिंजो आबे और फुमियो किशिदा के प्रधानमंत्रित्व काल में कई मंत्री पदों पर भी कार्य किया है।

साना ताकाइची एक बौद्ध अनुयायी हैं और जापान के पारंपरिक धार्मिक मूल्यों, विशेष रूप से शिंतो और बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई हैं। हालांकि वे अपनी व्यक्तिगत आस्था के बारे में सार्वजनिक रूप से बहुत कम बोलती हैं, लेकिन उनके राजनीतिक विचार पारंपरिक मूल्यों और जापान की सांस्कृतिक तथा आध्यात्मिक विरासत के प्रति गहरी श्रद्धा को दर्शाते हैं। माना जाता है कि उनका बौद्ध पृष्ठभूमि उनके राष्ट्रीय परंपराओं और नैतिक सिद्धांतों के प्रति समर्पण को प्रभावित करता है। वे अपने राजनीतिक नेतृत्व के माध्यम से जापानी पहचान को संरक्षित करने का प्रयास करती हैं।


सारांश

विश्व की 12 ‘बौद्ध महिला राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री’ पर बना यह लेख आपको कैसा लगा, हमें जरूर बताइए। अगर आपको लेख पसंद आया हो तो कृपया इसे दूसरों के साथ साझा करें।

अगर आपको लगता है कि कोई और नाम इस लेख में शामिल किया जाना चाहिए था, तो कृपया हमें इसके बारे में ई-मेल या कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताइए। धन्यवाद


यह भी पढ़े


धम्म धम्म भारत के सभी अपडेट पाने के लिए हमें फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलिग्राम, इंस्टाग्राम, ट्विटर पर फॉलो और सब्सक्राइब अवश्य करें। संपर्क के लिए आप ई-मेल कर सकते हैं।

दोस्तों, धम्म भारत के इसी तरह के नए लेखों की सूचना पाने के लिए स्क्रीन की नीचे दाईं ओर लाल घंटी के आइकन पर क्लिक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!