आज डॉ आंबेडकर जी का परिवार कहां हैं, क्या करता है, इसमें कितने लोग हैं, इस बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। dhammabharat.com बता रहा है डॉ बाबासाहब आंबेडकर जी के परिवार से जुड़ी कुछ खास बातें। – Ambedkar family in hindi
डॉ आंबेडकर के परिवार की संपूर्ण जानकारी – Ambedkar family in hindi
आंबेडकर परिवार (Ambedkar family) भारत का एक सामाजिक-राजनीतिक परिवार है, जो महाराष्ट्र में सक्रिय है। यह डॉ. बाबासाहब आंबेडकर (14 अप्रैल 1891 – 6 दिसंबर 1956) का परिवार है, जो एक भारतीय पॉलीमैथ (polymath), मानवाधिकार कार्यकर्ता, भारतीय संविधान के निर्माता और भारत गणराज्य के पिता थे।
वर्तमान में, डॉ. आंबेडकर के वंशज राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक और अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। अब बाबासाहब की तीसरी और चौथी पीढ़ी सक्रिय है। ambedkar family today
आज बाबासाहब के परिवार में उनकी बहू, तीन पोते, एक पोती, तथा पड़पोते और पड़पोतियां जीवित है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि – Ambedkar Family background
आंबडवे गांव आंबेडकर परिवार का मूल है। आंबेडकर परिवार भारत के आधुनिक महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के मंडनगड तालुका में आंबडवे (Ambadawe) गाँव से मराठी पृष्ठभूमि का था। इस गांव में डॉ. बी. आर. आंबेडकर के पूर्वज रहते थे और उस समय उनके परिवार का नाम या उपनाम “सकपाल” (मराठी में – सकपाळ) था।
मालोजी सकपाल (बाबासाहब के दादा) ब्रिटिश भारत की सेना में एक सैनिक थे, और बाद में उनके बेटे रामजी सकपाल (बाबासाहब के पिता) ने ब्रिटिश भारत की सेना में मेजर-सूबेदार के रूप में कार्य किया। रामजी के 14 बच्चे थे, उनमें से सबसे छोटे भीमराव (बाबासाहब) थे। भीमराव का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) के सैन्य छावनी वाले शहर महू (Mhow) में हुआ था।
महू डॉ॰ भीमराव आंबेडकर की जन्मभूमि है, इसलिये सन् 2003 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस शहर का नाम बदलकर डॉ॰ आम्बेडकर नगर रख दिया गया है। भीमराव को उनके दूसरे नाम भीम, भीम, भीवा और बाद में बाबासाहेब के नाम से जाना जाता था।
भीमराव का उपनाम (surname) ‘सकपाल’ था, लेकिन उनके पिता ने स्कूल में उनका उपनाम “आंबडवेकर” के रूप में दर्ज किया, जिसका अर्थ है कि यह उनके पैतृक गांव आंबडवे से आता है। भीमराव के देवरुखे ब्राह्मण शिक्षक, कृष्णा केशव आंबेडकर ने प्रताप सिंह हाई स्कूल के रिकॉर्ड में उनका उपनाम “आंबडवेकर” से बदलकर अपने स्वयं के उपनाम “आंबेडकर” में बदल दिया।
1909 में, भीमराव आंबेडकर ने रमाबाई से शादी की। उस समय बाबासाहब की आयु 16 वर्ष और रमाबाई की आयु 9 वर्ष थी। उनके पांच बच्चे थे – यशवंत, गंगाधर, रमेश, इंदु (बेटी) और राजरत्न। यशवंत (1912 – 1977) के अलावा, अन्य चार की दो साल से कम उम्र में मृत्यु हो गई। यशवंत अकेले उनके वंशज के रूप में जीवित रहे।
1935 में रमाबाई का निधन हुआ। इसके 13 वर्ष बाद, 1948 में उन्होंने सविता आंबेडकर से दूसरी शादी की। उनकी दूसरी पत्नी सविता आंबेडकर की कोई संतान नहीं थी।
बाबासाहब के इकलौते बेटे यशवंत ने मीराबाई से शादी की। उनके चार बच्चे हैं – प्रकाश, रमा (बेटी), भीमराव और आनंदराज। रमाबाई ने एक विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बडे (Anand Teltumbde) से शादी की।
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आंबेडकर परिवार की पीढ़ियां – Generations of the Ambedkar Family
सकपाल परिवार की पहली पीढ़ी – First generation of Sakpal family
- मालोजी सकपाल (Maloji Sakpal), भारत की ब्रिटिश सेना में एक सैनिक थे। वे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के दादा (grand-father) थे।
सकपाल परिवार की दूसरी पीढ़ी – Second generation of Sakpal family
मालोजी सकपाल के चार बेटे और एक बेटी सहित पांच बच्चे थे।
- मीराबाई सकपाल – मालोजी सकपाल की बेटी, रामजी सकपाल की बड़ी बहन और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की बुआ थी। उन्होंने बालक भीमराव (बाबासाहेब) की देखभाल की थी।
- रामजी मालोजी सकपाल (14 नवंबर 1838 – 2 फरवरी 1913), जिन्हें रामजी आंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, एक सामाजिक कार्यकर्ता, ब्रिटिश भारत की सेना में सूबेदार और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पिता थे।
- भीमाबाई सकपाल (14 फरवरी 1854 – 20 दिसम्बर 1896) – लक्ष्मण मुरबाडकर की बेटी, रामजी सकपाल की पहली पत्नी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की माँ थी। 1896 में उनकी मृत्यु हो गई, उस समय बाबासाहेब महज पांच वर्ष के थे।
- जीजाबाई सकपाल – रामजी सकपाल की दूसरी पत्नी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की सौतेली माँ थी। अपनी पहली पत्नी भीमाबाई के निधन के बाद रामजी सकपाल ने जीजाबाई से शादी की थी।
सकपाल परिवार की अंतिम पीढ़ी और आंबेडकर परिवार की पहली पीढ़ी – Last generation of Sakpal family and first generation of Ambedkar family
रामजी और भीमाबाई को कुल 14 बच्चे हुए थे जिनमें तीन बेटे, चार बेटियां थी तथा अन्य सात बच्चों की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी।
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दूसरी पीढ़ी – Second generation of Ambedkar family
बाबासाहेब और रमाबाई के पांच बच्चे थे – यशवंत, गंगाधर, रमेश, इंदु (बेटी) और राजरत्न। यशवंत (1912-1977) के अलावा अन्य चार की बचपन में ही मृत्यु हो गई। यशवंत अकेले उनके वंशज के रूप में जीवित रहे। उनकी दूसरी पत्नी सविता आंबेडकर की कोई संतान नहीं थी।
- यशवंत भीमराव आंबेडकर (1912-1977) – बाबासाहेब और रमाबाई आंबेडकर की इकलौती संतान थे। वे सामाजिक कार्यकर्ता, संपादक, बौद्ध कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थे। वह भारतीय बौद्ध महासभा के दूसरे अध्यक्ष थे।
- मीराबाई यशवंत आंबेडकर (जन्म 1935) – यशवंत की पत्नी और बाबासाहेब आंबेडकर की बहू हैं। उन्होंने भारतीय बौद्ध महासभा के तीसरे अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। हालांकि आज भी वह भारतीय बौद्ध महासभा के अध्यक्ष होने का दावा करती हैं।
- मुकुंदराव आनंदराव आंबेडकर (1913 – 2 फरवरी 1959) – बाबासाहेब आंबेडकर के भतीजे थे।
- शैलजा मुकुंदराव आंबेडकर – मुकुंदराव की पत्नी।
तीसरी पीढ़ी – Third generation of Ambedkar family
यशवंत और मीरा के चार बच्चे थे – तीन बेटे और एक बेटी।
- प्रकाश यशवंत आंबेडकर (जन्म 1954), बाबासाहेब आंबेडकर के सबसे बड़े पोते (ambedkar grandson) हैं। वह एक राजनीतिज्ञ, वकील और वंचित बहुजन आघाड़ी नामक राजनीतिक दल के अध्यक्ष हैं।
- अंजलि प्रकाश आंबेडकर, पूर्व प्रोफेसर, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता और प्रकाश आंबेडकर की पत्नी हैं।
- रमाबाई आनंदराव तेलतुम्बडे, बाबासाहेब आंबेडकर की इकलौती पोती हैं। वह एक बौद्धिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बडे की पत्नी हैं। इनकी दो बेटियां हैं।
- भीमराव यशवंत आंबेडकर, बाबासाहेब आंबेडकर के दूसरे पोते हैं।
- दर्शना भीमराव आंबेडकर, भीमराव आंबेडकर की पत्नी हैं।
- आनंदराज यशवंत आंबेडकर (जन्म 2 जून 1960), बाबासाहेब आंबेडकर के सबसे छोटे पोते हैं। वह एक राजनेता हैं, और रिपब्लिकन सेना नामक राजनीतिक दल के अध्यक्ष हैं।
- मनीषा आनंदराज आंबेडकर, आनंदराज आंबेडकर की पत्नी हैं।
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मुकुंदराव और शैलजा के चार बच्चे थे – 2 बेटे और 2 बेटियां।
- अशोक मुकुंदराव आंबेडकर (25 मार्च 1955 – 8 दिसंबर 2017), बाबासाहेब आंबेडकर के भाई आनंदराव के पोते थे। उन्होंने Buddhist Society of India के चौथे अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह राजरत्न आंबेडकर के पिता हैं।
- अश्विनी अशोक आंबेडकर – अशोक आंबेडकर की पत्नी है।
- दिलीप मुकुंदराव आंबेडकर – बाबासाहेब आंबेडकर के भाई आनंदराव के पोते है। 13 अगस्त 2030 को उनका निधन हुआ।
- अलका दिलीप आंबेडकर – दिलीप आंबेडकर की पत्नी है।
- विद्या काशीनाथ मोहिते – बाबासाहेब आंबेडकर के भाई आनंदराव की पोती हैं।
- सुजाता रमेश कदम – बाबासाहेब आंबेडकर के भाई आनंदराव की पोती हैं।
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चौथी पीढ़ी – Fourth generation of Ambedkar family
- सुजात प्रकाश आंबेडकर (जन्म 1995) – अंजलि और प्रकाश आंबेडकर के इकलौते पुत्र और बाबासाहेब आंबेडकर के सबसे बड़े पड़पोते हैं।
- प्राची आनंद तेलतुम्बडे – रमाबाई और आनंद तेलतुम्बडे की बेटी हैं, और बाबासाहेब आंबेडकर की पड़पोती हैं।
- रश्मि आनंद तेलतुम्बडे – रमाबाई और आनंद तेलतुम्बडे की बेटी हैं, और बाबासाहेब आंबेडकर की पड़पोते हैं।
- ऋतिका भीमराव आंबेडकर – दर्शन और भीमराव आंबेडकर की बेटी हैं, और बाबासाहेब आंबेडकर की पड़पोती हैं।
- साहिल आनंदराज आंबेडकर – मनीषा और आनंदराज आंबेडकर के बड़े पुत्र और बाबासाहेब आंबेडकर के पड़पोते हैं।
- अमन आनंदराज आंबेडकर (जन्म 2002) – मनीषा और आनंदराज आंबेडकर के छोटे पुत्र और बाबासाहेब आंबेडकर के पड़पोते हैं।
- संदेश अशोक आंबेडकर – बाबासाहेब के भाई के पड़पोते।
- चारुशीला संदेश आंबेडकर – संदेश आंबेडकर की पत्नी।
- राजरत्न अशोक आंबेडकर (जन्म 1982) – बाबासाहेब के भाई के पड़पोते और भारतीय बौद्ध समाज के अध्यक्ष हैं।
- अमिता राजरत्न आंबेडकर – राजरत्न आंबेडकर की पत्नी।
- अक्षय दिलीप आंबेडकर – बाबासाहेब के भाई के परपोते।
- अक्षता दिलीप आंबेडकर – बाबासाहेब के भाई की परपोती।
पांचवी पीढ़ी – Fifth generation of Ambedkar family
- यश संदेश आंबेडकर – संदेश और चारुशीला आंबेडकर के बड़े बेटे।
- मयंक संदेश आंबेडकर – संदेश और चारुशीला आंबेडकर के छोटे बेटे।
- प्रिशा राजरत्न आंबेडकर – राजरत्न और अमिता आंबेडकर की बेटी।
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आंबेडकर वंश वृक्ष – Ambedkar family tree
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आंबेडकर परिवार के सदस्यों कि तस्वीरें – Ambedkar family members photos
बाबासाहब के पिता – रामजी सकपाल
बाबासाहब की माता – भीमाबाई
बाबासाहब के भाई – बालाराम
बाबासाहब के भाई – आनंद
बाबासाहब – डॉ. भीमराव आंबेडकर
बाबासाहब की पहली पत्नी – रमाबाई
बाबासाहब की दूसरी पत्नी – सविता
बाबासाहब का भतीजा – मुकुंद
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बाबासाहब का पुत्र – यशवंत
बाबासाहब की बहू – मीरा
बाबासाहब के पहले पोते – प्रकाश
बाबासाहब के दूसरे पोते – भीमराव
बाबासाहब की पोती – रमा
बाबासाहब के तीसरे पोते – आनंदराज
बाबासाहब के परपोते – सुजात
बाबासाहब के दूसरे परपोते – साहिल
बाबासाहब के तीसरे परपोते – अमन
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FAQs
प्रश्न 1. डॉ. भीमराव आंबेडकर के कितने पुत्र थे?
उत्तर – डॉ भीमराव आंबेडकर के 4 पुत्र थे, जिनमें से केवल एक ही पुत्र जीवित रहा। बाबासाहब के एकलौता पुत्र यशवंत आंबेडकर थे, तथा उनके अन्य 3 पुत्र – राजरत्न, रमेश एवं गंगाधर बचपन में ही गुजर गए। आंंबेडकर को इंदू नामक एक बेटी हुई थी लेकिन वह भी बचपन में गुजर गई।
प्रश्न 2 : भीमराव आंबेडकर के कितने भाई थे?
उत्तर – डॉ. भीमराव आंबेडकर को 2 भाई थे – बाळाराम रामजी आंबेडकर और आनंदराव रामजी आंबेडकर।
डॉ. बाबासाहेब आंंबेडकर अपने माता-पिता की 14वीं और अंतिम संतान थे। बाबासाहब को कुल 13 भाई-बहन थे, जिनमें से 7 भाई-बहनों की बचपन में मृत्यु हो गई थी। बचे हुए 7 बच्चों में तीन लड़के (बाबासाहब और उनके दो भाई) और 4 लड़कियां (बाबासाहब की बहनें) थी।
बाबासाहब की चार बहनों के नाम इस प्रकार है – गंगाबाई लाखावडेकर, रमाबाई माळवणकर, मंजुळा येसू पंदिरकर, और तुळसा धर्मा कांतेकर।
अगर हम इन 7 भाई-बहनों का (बड़े से छोटे) क्रम लगाए तो वह नाम इस प्रकार होंगे – बाळाराम, गंगाबाई, रमाबाई, आनंदराव, मंजुळा, तुळसा, और भीमराव।
यह भी देखें
- राजरत्न आंबेडकर का जीवन परिचय
- सुजात आंबेडकर का जीवन परिचय
- डॉ. आंबेडकर पर बनी 15+ फिल्में
- डॉ. आंबेडकरांचे 130 अनमोल सुविचार
- भारत की मशहूर बौद्ध हस्तियां (अभिनेता & गायक)
- आंबेडकर परिवार के फोटो
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जय भिम ।
Jai Bhim।
Thanks for the information, ये भी बहोत अच्छा संकलन है, मेरे जैसे बहोत लोगो को बाबासाहेब के फॅमिली के बारे मे जाणना था ।
Baba sahab bhimrao Ambedkar had given a unforgettable constitution to Bharat. Unfortunately the constitution he has made is not applied in toto . Congress had crushed Baba Saheb. He wanted Sanskrit to be the mother tongue of Bharat.
His name Ambedkar has been given by his High school teacher named Shri Krishna keshav Ambedkar he was a Bramhan.In Sanatan Dharma there is only 2jati 1rst Men 2nd Women.Yes there is 4Verna . Bramhan, Kshtriya,vaish and sudre.
Sudra is not a negative word Instead its a positive word . While defining Sudra Baba Saheb done a mistake.
एक बात समझ नहीं आयी कि जब बाबा साहेब के गुरु ब्राह्मण थे (श्री महादेव अंबेडकर जी) और इन्होने ही बाबा साहेब को नाम दिया था तो बाबा साहेब के अनुयायी ब्राह्मणों को गाली क्यों देते है अगर मान लिया जाए कि भेदभाव के कारण ऐसा होता है तो उनका विरोध किया जाना चाहिए जिन्होंने ऐसा किया लेकिन पूरे ब्राह्मण समाज को गाली देना गलत है और आज के समय में तो भेदभाव भी कहीं नहीं होता अगर होता भी है तो किसी किसी स्थान पर होता होगा जिसका कारण राजनीती भी हो सकती है
बाबासाहब के अनुयायी पुरे ब्राह्मण समाज को गाली देते हैं और भारत में जातिगत भेदभाव आज नहीं के बराबर है, ऐसा आपकी कमेंट पढ़कर प्रतीत होता है।
मेरा उत्तर –
* पहली बात तो यह है की बाबासाहब को ‘आंबेडकर’ उपनाम देने वाले शिक्षक का नाम कृष्णाजी केशव आंबेडकर था, ना की महादेव आंबेडकर। एक ब्राह्मण शिक्षक द्वारा बाबासाहब आंंबेडकर को अपना उपनाम देने से अन्य ब्राह्मणों द्वारा निर्मित जातिगत भेदभाव को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
* आपने ‘अंबेडकर’ लिखा है जो की गलत है, सही वर्तनी वाला शब्द तथा सही उपनाम ‘आंबेडकर’ हैं।
* बाबासाहब ने ब्राह्मणों का विरोध नहीं किया बल्कि ब्राह्मणवाद का विरोध किया। इसलिए पूरे ब्राह्मण समाज को गाली देना गलत है और साथ ही आपको यह भी समझने की जरूरत है की डॉ बाबासाहब आंबेडकर के सारे अनुयायी पूरे ब्राह्मण समाज को गाली देते हैं, यह बिल्कुल झूठ तथा भ्रामक बात है।
* और हान भारत में बिल्कुल जातिगत भेदभाव होता है, और वह भी बड़े पैमाने पर। आप अर्बन भारत में रहते होंगे, कभी रूलर भारत की भी सैर करिए। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार यह तो जातीय भेदभाव के गढ़ है।
* जातीय भेदभाव का कारण “राजनीति” है यह आपका कथन आपकी नादान बुद्धि को दर्शाता है, और स्पृश्य तथा सवर्ण हिंदुओं के दमनकारी प्रवृत्तियों को अनदेखा करता है।
बेहर हाल, डॉ आंबेडकर, उनके अनुयायी तथा जातिगत भेदभाव इन बारे में अपनी राय ठीक करें, धन्यवाद।
बाबासाहब भीमराव आंबेडकर ने ब्राह्मण को कभी गाली नही दिए बस उनको अछूतो के भेद भाव के कारण उन्हें नही मानते थे उनका सिर्फ इतना ही कहना था की हम समानता चाहते है हमारा प्रत्येक नागरिक सम्मान के साथ रहें चाहें वो किसी भी जाति का हो चाहे वो पुरुष या महिला
अछूत के कारण कोई भेद भाव न रहें हमारे देश वा समाज में तभी हिंदुस्तान प्रगति कर सकता है
जय भीम
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गंगाबाई लकवडेकर। रमाबाई मालवणकर।मंजुलामाई येसु पाढिरकर। तुलसाबाई कांटेकर।यह लोग कौन हैं क्योंकि मिडिया और सोसल मीडिया से यह लोग पुरी तरह गायब क्यों कारण क्या कुछ हैं क्या
यह सब डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की बहनों के नाम हैं, जिनके अधिक जानकारी इतिहासकारों ने नहीं खोजी।
संविधान निर्माता बाबा साहेब उच्च जाती या ब्राह्मण को गाली नही दिये हैं, बाबा साहेब के चार बहनों का कोई विस्तृत जानकारी नहीं देते हैं कोई बुद्धि ष्ट म
मेरा प्रश्न गूगल से
1 बाबा साहेब के चारों बहनों के नाम के साथ उनके पति
का नाम बताये
2 बाबा साहेब बहनों की शादी किस जाती में हुई थी
3 बाबा साहेब की बहनों की शादी परिवार के मर्जी से हुई थी या प्रेम विवाह हुआ था
4 बाबा साहेब स्वयं संविधान निर्माता थे यदि चाहते तो संविधान के तहत उच्च वर्ग को संवैधानिक पदों पर बैठने से बाहर कर सकते थे
5 छुपा छुत भारत में मिट चुका है राजनीति करने वाले ही छुरा छुत करते हैं क्या यह बात सत्य है
6 बाबा साहेब के विचार को गलत नहीं परोसे
जब बाबासाहेब आंबेडकर ने शिक्षा पर इतना काम किया, तो उन्होंने उनकी पहली पत्नी रमाबाई को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करना चहिए था। रमाबाई को शिक्षित कर एक ओर महान कार्य कर सकते थे। क्या इनके उत्तर होंगे आपके पास?
आपको गलत जानकारी है और ऐसा लगता है की आपने कभी बाबासाहेब की पत्नी रमाबाई के बारे में नहीं पढ़ा। बाबासाहेब आंबेडकर ने रमाबाई को शिक्षित किया था, बाबासाहेब रमाबाई को लेटर भेजते थे, रमाबाई उन्हें पढ़ती थी और स्वयं उत्तर भी लिखकर भेजतीं थी।