भारत देश में सम्राट अशोक, शिवाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप जैसे कई शासकों की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। लेकिन सम्राट अशोक की मूर्तियां सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी स्थापित की गई हैं। आज हम सम्राट अशोक की सभी मूर्तियों के बारे में जानने जा रहे हैं। – king Ashoka statue
चक्रवर्ती सम्राट अशोक (304 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व) को भारत के सबसे महान शासक और परोपकारी राजा के रूप में दुनिया भर में जाना जाता है। वे मौर्य साम्राज्य के तीसरे सम्राट थे और उन्होंने 268 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व तक शासन किया था। उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार किया और इस धम्म का पूरे विश्व में प्रचार किया।
सम्राट अशोक ने अपनी प्रजा की ऐसे देखभाल की जैसे वे उसकी अपनी संतानें हों, और उन्होंने अपने साम्राज्य में कई उपयोगी कार्य किये। उनका मौर्य साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा साम्राज्य था। भारतीय इतिहास के साथ-साथ भारतीयों के मन में भी अशोक का सम्माननीय स्थान है। एक लोकप्रियता सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी के बाद, सम्राट अशोक दुनिया में तीसरे सबसे लोकप्रिय और उल्लेखनीय भारतीय व्यक्ति हैं। साथ ही सम्राट अशोक भारत के सबसे लोकप्रिय शासक भी है, दूसरा स्थान अकबर को मिला है ।
चार सिंहों वाला अशोक स्तंभ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक है। नए संसद भवन के सामने अशोक स्तंभ की विशाल कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है। यह स्तंभ 6.5 मीटर ऊंचा है और इसका वजन 9500 किलोग्राम है। इसे सहारा देने के लिए लगभग 6500 किलोग्राम वजनी स्टील का ढांचा भी बनाया गया है। भारत के राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र है।
सम्राट अशोक की दस फीट ऊंची प्रतिमा हाल ही में नागपुर के दीक्षाभूमि में लगाई गई है। इस लेख के माध्यम से हम पहली बार धम्म भारत वेबसाइट पर विभिन्न स्थानों पर लगी सम्राट अशोक की मूर्तियों के बारे में जानने जा रहे हैं। इस विषय पर इससे पहले कभी किसी ने नहीं लिखा है तथा अशोक की मूर्तियों की जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है।
भारत में सम्राट अशोक की मूर्तियाँ
1. सम्राट अशोक बुद्ध विहार, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
सम्राट अशोक की एक सुंदर मूर्ति उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित सम्राट अशोक बुद्ध विहार में स्थापित की गई है। इसके साथ ही यहां भगवान बुद्ध की एक भव्य प्रतिमा भी है। यह बुद्ध विहार सारनाथ रेलवे स्टेशन से मात्र 470 मीटर की दूरी पर है।
2. दीक्षाभूमि, नागपुर, महाराष्ट्र
हाल ही में, 67वें धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के अवसर पर 24 अक्टूबर 2023 को नागपुर के दीक्षाभूमि में सम्राट अशोक की एक प्रतिमा स्थापित की गई थी। यह प्रतिमा 10 फीट ऊंची और पीले रंग की है। यह मूर्ति तमिलनाडु में बुद्धीस्ट फॅटरनिटी मूवमेंट द्वारा बनाई गई थी और उसे दीक्षाभूमि को भेंट दिया गया।
केरल राज्य के मुंडकायम से सम्राट अशोक की प्रतिमा लेकर एक धम्म यात्रा शुरू हुई। यह धम्म यात्रा तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना होते हुए महाराष्ट्र-दीक्षाभूमि पहुंची। लाखों बौद्ध अनुयायियों की उपस्थिति में दीक्षाभूमि स्तूप के अंदर सम्राट अशोक की एक मूर्ति स्थापित की गई। दीक्षाभूमि आंबेडकरवादी बौद्ध अनुयायियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान है।
3. सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर, पटना, बिहार
बिहार के पटना में सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में सम्राट अशोक की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस कन्वेंशन सेंटर का अनुमानित बजट ₹490 करोड़ है।
8 फरवरी 2014 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस केंद्र का शिलान्यास किया था. सम्राट अशोक की जयंती पर बिहार के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, अन्य राजनीतिक नेता और आम लोग इस प्रतिमा को नमन करते हैं।
4. सम्राट अशोक बुद्ध विहार, पोरबंदर, गुजरात
सम्राट अशोक की एक मूर्ति गुजरात राज्य में भी लगी है। “सम्राट अशोक बुद्ध विहार” पोरबंदर में स्थित है और इस विहार के परिसर में सम्राट अशोक की एक मूर्ति स्थापित की गई है।
5. शहीदी पार्क, दिल्ली
दिल्ली के शहीदी पार्क में सम्राट अशोक की एक खूबसूरत मूर्ति है। शहीदी पार्क 4.5 एकड़ भूमि में फैला भारत का पहला ओपन एयर संग्रहालय है। इस स्थान की कलाकृतियाँ आपको प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारतीय इतिहास की झलक दिखाती हैं। इस पार्क का उद्घाटन 9 अगस्त 2023 को किया गया था।
शहीदी पार्क भारत के राष्ट्रीय नायकों के साथ-साथ उन प्रसिद्ध हस्तियों को समर्पित है जिन्होंने विभिन्न युगों में देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। इन सभी की मूर्तियां यहां देखी जा सकती हैं।
इस पार्क में सिंहासन पर बैठे सम्राट अशोक की मूर्ति है। अशोक के सिर के पीछे बौद्ध धर्म का प्रतीक धम्म चक्र भी है। इसके अलावा, पार्क में विभिन्न आकर्षण भी हैं जो देश की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हैं।
6. सन्नति, कलबुर्ग जिला, कर्नाटक
कर्नाटक के सन्नति में सम्राट अशोक की एक मूर्ति स्थापित की गई थी। इस प्रतिमा में सम्राट अशोक को बौद्ध भिक्षु के रूप में दर्शाया गया है। सन्नति दक्षिण भारत का एक प्रमुख बौद्ध स्थल है, लेकिन इस बौद्ध स्थल को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उपेक्षित किया गया है।
old Ashoka statue – इतिहास में जाए तो, मौर्य सम्राट अशोक की एकमात्र उपलब्ध छवि (शिल्प) कर्नाटक में है। यह प्रतिमा-शिल्प सन्नति (तालुका चीतापुर, जिला गुलबर्ग/कालबुरगी) में स्थित है और माना जाता है कि यहीं सम्राट अशोक ने अंतिम सांस ली थी।
सम्राट अशोक ने तीन बार दक्षिण की यात्रा की। अपने जीवन के अंतिम दिनों में सम्राट अशोक सन्नति आये होंगे और यहीं उनकी मृत्यु हुई होगी। क्योंकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वे उत्तर की ओर लौटे थे।
सन्नति भीमा नदी के तट पर स्थित एक गाँव है। 1986 में चंद्रलांबा मंदिर परिसर में काली मंदिर की छत गिरने के बाद इसके आधार पर प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में सम्राट अशोक के समय के बहुमूल्य शिलालेख पाए गए थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सन्नति और पास के गांव कनगनहल्ली (Kanaganahalli) में खुदाई शुरू करने के बाद यहाँ महास्तूप मिला। सिंहासन पर बैठे सम्राट अशोक की एक पत्थर की मूर्ति इस खुदाई में एक महत्वपूर्ण खोज थी। इसके अलावा, साठ नक्काशीदार गुंबदों और छतों सहित कई खंडहर पाए गए।
फिलहाल सन्नति भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। सितंबर 2009 में, कर्नाटक हाउसिंग बोर्ड ने 3.52 करोड़ रुपये के फंड से साइट पर एक संग्रहालय, छात्रावास, कर्मचारी आवास और एक सुरक्षात्मक दीवार का निर्माण किया है। हालाँकि, इस स्थान पर मिले अवशेषों के संरक्षण के लिए उपाय करना बहुत ज़रूरी है, लेकिन इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। अनेक खंडहर बिखरे पड़े हैं। केवल कुछ अवशेष ही संग्रहालयों में ले जाये गये हैं। भवन भी उपयोग में नहीं है।
सन्नति को सम्राट अशोक का समाधि स्थल घोषित किया जाए, यहां हर साल बुद्ध महोत्सव मनाया जाए और इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दिया जाए, ऐसी मांगों को लेकर भंते तिस्सावरो केंद्र और राज्य सरकार से लगातार बात कर रहे हैं। भिक्षु तिस्सावरो बिहार के बोधगया के रहने वाले हैं।
- अधिक जानकारी: मराठी विश्वकोश – सन्नती-कनगनहल्ली
- दै. सकाळ न्यूज : सम्राट अशोकांच्या सन्नतीकडे दुर्लक्ष – भंते तिस्सावरो
7. बुद्ध विहार, लोनावला, महाराष्ट्र
लोनावला में एक बुद्ध विहार के सामने मौर्य सम्राट अशोक की मूर्ति स्थापित है। लोनावला महाराष्ट्र में एक ठंडी जगह के रूप में प्रसिद्ध है। यहां स्थापित प्रतिमा में सम्राट अशोक को बौद्ध भिक्षु के रूप में दर्शाया गया है। बहुत से लोग सम्राट अशोक को एक बौद्ध धर्मप्रचारक राजा के रूप में जानते हैं, लेकिन वह बौद्ध भिक्षु भी थे।
8. पटियाला चौक, जिंद, हरियाणा
हरियाणा के जिंद में पटियाला चौक पर सम्राट अशोक की संगमरमर से बनी मूर्ति लगी हुई है। 7 जनवरी 2022 को इस प्रतिमा का अनावरण भाजपा विधायक डाॅ. कृष्ण मिड्ढा ने किया था।
जींद शहर का पटियाला चौक शहर के प्रमुख चौराहों में से एक है। यहां से पंजाब और चंडीगढ़ जाने वाले वाहन गुजरते हैं। इसके अलावा यहां पर हिसार जाने के लिए ओवरब्रिज का इस्तेमाल किया जाता है। रेलवे स्टेशन तक पहुँचने के लिए भी पटियाला चौक का उपयोग किया जाता है। ऐसे में चूंकि पटियाला चौक शहर का मुख्य प्रवेश बिंदु है, इसलिए सम्राट अशोक की प्रतिमा की भव्यता बनाए रखने का विशेष ध्यान रखा गया है।
9. भिलाई, छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के भिलाई में वार्ड-36 डबरापारा चौक पर सम्राट अशोक की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रतिमा का अनावरण 9 साल पहले किया गया था।
10. लुंबिनी बुद्ध विहार, धुले, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के धुले शहर में लुंबिनी बुद्ध विहार है, जहां सम्राट अशोक की अर्ध प्रतिमा स्थापित है। सम्राट अशोक की मूर्ति के बगल में बोधिसत्व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की भी प्रतिमा है, तथा इन दोनों के पीछे बुद्ध की बड़ी प्रतिमा है।
सम्राट अशोक की यह प्रतिमा 2.5 फीट ऊंची, लगभग 50 किलोग्राम वजनी, और पंचधातु बनी है। इसे सम्राट अशोक की 2327वीं जयंती के अवसर पर 29 मार्च 2023 को लुंबिनी बुद्ध विहार में स्थापित किया गया था।
11. सम्राट अशोक उद्यान, जोधपुर, राजस्थान
राजस्थान के जोधपुर शहर में एक खूबसूरत सम्राट अशोक उद्यान है। इस उद्यान में महान सम्राट अशोक की प्रतिमा स्थापित है। सम्राट अशोक को हाथ में तलवार लिए सिंहासन पर बैठे हुए दर्शाया गया है।
12. फ़तेहपुर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर में चक्रवर्ती सम्राट अशोक की 8 फीट ऊंची मूर्ति है। यह प्रतिमा मौर्य उत्थान समिति के कार्यालय के निकट चौराहे पर स्थापित है।
11 सितंबर 2022 को राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सम्राट अशोक की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर जिले की सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी मौजूद थी।
उपमुख्यमंत्री ने सम्राट अशोक के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सम्राट अशोक के बाद आज तक देश में कोई दूसरा शासक नहीं हुआ, जिसने अखंड भारत की सीमाओं को अक्षुण्ण रखा हो।
13. नालासोपारा, मुंबई महानगर
नालासोपारा में समुद्र तट पर एक बड़ा बौद्ध स्तूप है, जहाँ सम्राट अशोक की एक प्रतिमा स्थापित है। नालासोपारा मुंबई महानगर क्षेत्र का एक शहर है, जो महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थित है।
भारत के बाहर सम्राट अशोक की मूर्तियाँ
14. रंगकूट बुद्ध विहार, बांग्लादेश
बांग्लादेश के रंगकूट बुद्ध विहार में चक्रवर्ती सम्राट अशोक की प्रतिमा स्थापित की गई है। रंगकूट बानाश्रम बौद्ध मठ बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के रामू नामक गाँव में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ है।
बौद्ध शिक्षा और संस्कृति एक समय इस बुद्ध विहार के आसपास केंद्रित क्षेत्र में फली-फूली थी। इस विहार को रामकोट बौद्ध विहार के नाम से भी जाना जाता हैं। रामू गांव में 30 अन्य बौद्ध विहार हैं, लेकिन बौद्धों के लिए रंगकूट विहार का विशेष महत्व है।
king Ashoka statue अपने जीवन के अंतिम 45 वर्षों में सम्राट अशोक ने बुद्ध की अस्थियों को अलग-अलग कर विभिन्न स्थानों स्थापित किया और उनपर 84 हजार चैत्य या स्तूप बनवाये। रामकूट बौद्ध विहार उनमें से एक माना जाता है। अशोक के बाद विभिन्न शासकों ने इस बौद्ध विहार का कई बार पुनर्निर्माण कराया। हाल ही में, 1966 के आसपास, इस बौद्ध मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।
9 सितंबर 2013 को इस रंगकूट बौद्ध विहार में मौर्य सम्राट अशोक की प्रतिमा स्थापित की गई थी। प्रतिमा में, सम्राट अशोक को अपने हाथों में त्रिपिटक लिए एक बौद्ध धर्म के रक्षक और प्रचारक के रूप में दिखाया गया है। रंगकूट विहार में भगवान बुद्ध, फाहियान और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की मूर्तियाँ भी स्थापित की गई हैं।
15. अशोकराम बुद्ध विहार, समुत प्राकन, थाईलैंड
अशोकराम बौद्ध मंदिर (Wat Asokaram) थाईलैंड के समुत प्राकन प्रांत में स्थित है और इस बौद्ध विहार में सम्राट अशोक की एक मूर्ति स्थापित है। अशोकराम बुद्ध विहार का निर्माण 8 मई 1962 को हुआ था। यह ध्यान के लिए एक महत्वपूर्ण मंदिर है।
मंदिर परिसर में अपने हाथ में त्रिपिटक ग्रंथ लिए हुए सम्राट अशोक की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। थाईलैंड एक बौद्ध बहुसंख्यक देश है जहां की लगभग 95 प्रतिशत आबादी बौद्ध धर्म को मानती है।
इस लेख में हमने भारत और भारत के बाहर लगी सम्राट अशोक की मूर्तियों के बारे में जाना। आपको यह लेख कैसा लगा, हमें अवश्य बताएं।
इस सूची में शामिल मूर्तियों के अलावा संभवतः सम्राट अशोक की और भी कई मूर्तियाँ हैं। यदि आप सम्राट अशोक की ऐसी ही मूर्ति/ मूर्तियों के बारे में जानते हैं तो कृपया हमें ईमेल से अवश्य बताएं। सम्राट अशोक की सभी मूर्तियों को इस लेख में शामिल करना धम्म भारत का प्रयत्न रहेगा।
इसके अलावा, यदि आपका कोई सुझाव या प्रश्न है, तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर या ईमेल के माध्यम से बताएं। धन्यवाद।
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