डॉ. आंबेडकर की तीन सबसे ऊंची मूर्तियाँ; एक बनेगी विश्व की तीसरी ऊँची मूर्ति

आज हम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की तीन सबसे ऊंची प्रतिमाओं के बारे में जानेंगे, जिनमें से दो बनी है जबकि एक निर्माणाधीन है। तीनों में से एक मूर्ति इतनी भव्य और विशाल होंगी कि वह विश्व की 5 सबसे ऊंची प्रतिमाओं में शुमार होंगी। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की सबसे ऊंची मूर्तियों की विशेषताओं के बारे में इस लेख में जानकारी दी गई है। – डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की सबसे बड़ी मूर्तियां

  हा लेख मराठीत वाचा  

tallest statues of Babasaheb Ambedkar in India
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की मूर्तियां – tallest statues of Babasaheb Ambedkar in India

डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की सबसे ऊंची मूर्तियां

पूरी दुनिया में खासकर भारत में भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की मूर्तियाँ हजारों नहीं बल्कि लाखों की संख्या में बनाई गई हैं। विश्व में सबसे अधिक मूर्तियाँ भगवान बुद्ध की हैं और भारत में सबसे अधिक मूर्तियाँ डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की हैं। इन मूर्तियों की अलग-अलग संरचनाएँ हैं और इनका अपना विशेष महत्व भी है।

मुंबई की बाबासाहेब की निर्माणाधीन सबसे बड़ी मूर्ति तो दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। डॉ. आंबेडकर की ये भव्य प्रतिमा साल 2026 में बनकर तैयार हो जाएंगी। मुंबई और हैदराबाद की बाबासाहब की प्रतिमाओं की नींव (आधार भवन) संसद भवन की प्रतिकृति है, तथा यह दोनों प्रतिमाएं जलाशय (हुसैन तालाब और अरब सागर) के किनारे स्थित हैं।

डॉ आंबेडकर की सबसे बड़ी मूर्तियां – आधार भवन या चबूतरे के साथ महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना इन तीन राज्यों में क्रमश: 450 फीट, 205 फीट और 175 फीट ऊंची डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। यानी ये प्रतिमाएं मराठी और तेलुगू लोगों की धरती पर खड़ी की जा रही हैं। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों ही तेलुगु भाषी राज्य हैं, जबकि महाराष्ट्र एक मराठी भाषी राज्य है।

आंबेडकर की मूर्तियां और उनके चबूतरे की ऊंचाई : मुंबई, महाराष्ट्र की आंंबेडकर प्रतिमा 350 फीट ऊंची होगी, जो 100 फीट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित होगी। विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश की आंंबेडकर प्रतिमा 125 फीट ऊंची होगी, जिसे 80 फीट ऊंचे आधार भवन या चबूतरे पर स्थापित किया जाएगा। तथा हैदराबाद, तेलंगाना की आंंबेडकर प्रतिमा भी 125 फीट ऊंची है, लेकिन उसके चबूतरे या आधार भवन की ऊंचाई 50 फीट है।

हैदराबाद की आंबेडकर प्रतिमा बन गई है मगर विजयवाड़ा तथा मुंबई की प्रतिमाओं का निर्माण कार्य अभी भी जारी है।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना इन दोनों जगहों पर आंंबेडकर मूर्ति की ऊंचाई 125 फीट रखी गई है। क्योंकि इन प्रतिमाओं के निर्माण की घोषणा बाबासाहेब आंबेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर की गई थी। सबसे ऊंची मूर्तियों में इन दोनों प्रतिमाओं की रैंकिंग समान होगी।

2015 में, उत्तर प्रदेश में लखनऊ के नजदीक आंबेडकर की 150 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने की घोषणा हुई थी, पर बाद में इस पर कोई खास प्रगति नहीं हो सकी क्योंकि इसके लिए जमीन नहीं मिली।

मुंबई, महाराष्ट्र में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भव्य प्रतिमा (स्टेच्यू ऑफ इक्वेलिटी) की मांग 2004 से की जा रही थी, और 2015 में इसका शिलान्यास किया गया। मुंबई की भव्य आंंबेडकर प्रतिमा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की आंबेडकर प्रतिमाओं से दोगुनी ऊंची होगी।

जब हम दुनिया या भारत की सबसे ऊंची मूर्तियों की रैंकिंग या क्रम पर विचार करते हैं, तो मूर्ति के चबूतरे या आधार भवन को ध्यान में नहीं लिया जाता, बल्कि केवल मूर्ति ऊंचाई को मापा जाता है। इसके मुताबिक मुंबई में बन रही 350 फीट ऊंची डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा दुनिया की चौथी सबसे ऊंची प्रतिमा होगी।

 

1. डॉ. बी.आर. आंबेडकर की मूर्ति, हैदराबाद, तेलंगाना (175 फीट)

Dr Ambedkar statue in Hyderabad in Marathi
हैदराबाद में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची भव्य मूर्ति

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का स्मारक बना है। जिसमे डॉ. आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा है। इस प्रतिमा को बनाने में 7 वर्ष का समय लगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 14 अप्रैल 2016 को बाबासाहब आंबेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर उनकी 125 फुट ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास किया था।

7 वर्ष के बाद, के. चंद्रशेखर राव ने 14 अप्रैल 2023 को बाबासाहब आंबेडकर की 132 वीं जयंती के अवसर पर उनकी 125 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। यह दुनिया की सबसे ऊंची आंबेडकर की प्रतिमा है।

यह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का स्मारक हैदराबाद के एनटीआर गार्डन में 11.4 एकड़ की जगह पर बना है। इस स्मारक को एक उत्कृष्ट पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। इसका काम अप्रैल 2023 में पूरा हुआ।

हैदराबाद में हुसैन सागर झील के पास 11.4 एकड़ भूमि पर भारतीय संविधान के निर्माता की कांस्य प्रतिमा लगाई गई है। 11.4 एकड़ के इस पार्क में भव्य मूर्ति के साथ संग्रहालय, पुस्तकालय, सम्मेलन कक्ष और अन्य वास्तु भी हैं।

इसे हुसैन सागर के तट पर बन रही 11.4 एकड़ की प्रतिमा 125 फीट ऊंची और 45.5 फीट चौड़ी है। प्रतिमा को 50 फीट ऊँचे आधार भवन पर स्थापित किया गया है।

हुसैन सागर झील में पहले से ही दुनिया की सबसे ऊंची अखंड पत्थर की बुद्ध प्रतिमा है, जो 18 मीटर ऊंची (या 58 फीट) है। विशेष रूप से, बौद्ध अनुयायियों के लिए सम्यक सम्बुद्ध और बोधिसत्व डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर दोनों एक ही स्थान पर मिलेंगे।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के लिए 791 टन स्टेनलेस स्टील और 9 टन पीतल का उपयोग हुआ है और पूरी प्रतिमा की लागत करीब 146.5 करोड़ रुपये हैं। तेलंगाना सरकार ने बोरबंदा में दलित अध्ययन केंद्र में पहले भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 27 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित की है।

 

2. डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मारक, विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश (205 फीट)

Statue of Social Justice
The Statue of Social Justice in Vijayawada, Andra Pradesh (Photo Credit: G.N. RAO)

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर के केंद्र में स्थित स्वराज्य मैदान में ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मृतिवनम’ यानि ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर मेमोरियल’ बनाया गया है, जिसमें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125 फीट (38 मीटर) ऊंची “सामाजिक न्याय की प्रतिमा” स्थापित है, जो 81 फुट ऊंचे चबूतरे पर खड़ी है। चबूतरे के साथ बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा की कुल ऊंचाई 206 फीट है। प्रतिमा 352 मीट्रिक टन स्टील और 112 मीट्रिक टन पीतल से बनी है।

डॉ आंंबेडकर की प्रतिमा में 12 टन वजन वाले जूते लगभग 12 फीट ऊंचे हैं, जो प्रतिमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। 125-feet Ambedkar statue in Vijayawada

आधार भवन, कन्वेंशन सेंटर, बेसमेंट सहित अन्य कार्यों को पूरा कर लिया गया है।

यह मूर्ति भारत के शीर्ष 10 सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक, तथा दुनिया की शीर्ष 90 सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक होगी।

9 जुलाई, 2020 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के बीचों-बीच स्थित स्वराज मैदान में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास किया था।

2015 में, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भारतीय संविधान के निर्माता के 125वीं जयंती के अवसर पर ₹200 करोड़ रूपये लागत से डॉ. आंबेडकर परियोजना की घोषणा की गई थी। यह परियोजना आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के इनावोलु गांव में लागू की जानी थी। इस परियोजना में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का भव्य स्मारक और उनकी 125 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने की योजना थी।

लेकिन सत्ता में आने के चार साल बाद भी वह इस काम को अंजाम नहीं दे पाए। बाद में जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मृति वनम’ परियोजना को छोड़ दिया, और विजयवाड़ा शहर में इसके समान अन्य परियोजना, जिसमें बाबासाहेब के लिए एक स्मारक और 125 फीट ऊंची मूर्ति बनाने का फैसला किया।

इस प्रतिमा को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर बनाने का निर्णय लिया गया था, इसलिए इस प्रतिमा की ऊंचाई भी 125 फीट रखी गई है। अब विजयवाड़ा शहर के केंद्रीय स्वराज मैदान में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का निर्माण कार्य हो रहा है।

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ‘पीडब्ल्यूडी मैदान’ के नाम से जाने वाले मैदान का नाम बदलकर ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्वराज्य मैदान’ कर दिया है।

  • विजयवाड़ा में बन रहा डॉ. आंबेडकर स्मारक 20 एकड़ में होगा। प्रारंभ में स्मारक के लिए केवल 7 एकड़ भूमि उपलब्ध थी, लेकिन शेष कंस्ट्रक्शन को हटाना पड़ा और स्मारक के लिए अन्य 13 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई।
  • स्मारक में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा होगी, जो देखने में बेहद भव्य और आकर्षक लगेगी।
  • 125 फीट आंबेडकर प्रतिमा 80 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित की जाएगी, जिससे बाबासाहब की प्रतिमा की कुल ऊंचाई 205 फीट होगी।
  • बाबासाहेब की यह प्रतिमा कांस्य धातु की होगी।
  • स्मारक का निर्माण विजयवाड़ा के स्वराज्य मैदान (पीडब्ल्यूडी मैदान) में किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी ग्राउंड का नाम बदलकर ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्वराज्य मैदान’ रखा गया है।
  • जिस स्थान पर यह भव्य प्रतिमा खड़ी होने जा रही है, वहां अब साढ़े 12 फीट की एक आदर्श प्रतिमा है, जो उस 125 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा की प्रतिकृति है।
  • यह एक प्रतिष्ठित परियोजना होगी और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण होगी।
  • 20 एकड़ भूमि पर एक सुंदर उद्यान विकसित किया जाएगा, जिसमें आकर्षण का केंद्र 125 फुट की मूर्ति होंगी।
  • इस परियोजना में मूर्तियां, उद्यान, अनुसंधान केंद्र और अन्य संरचनाएं भी शामिल हैं।
  • प्रतिमा में बाबासाहब के जूते लगभग 12 फीट ऊंचे हैं, जिनका वजन 12 टन है।
  • 2,000 लोगों की क्षमता वाला एक सभागार, 500 लोगों की क्षमता वाला एक ओपन थिएटर और साथ ही एक ध्यान केंद्र विकसित किया जाएगा।
  • चेन्नई स्थित IIIT प्रतिमा को डिजाइन कर रहा है।
  • इस परियोजना पर कुल लागत करीब 404 करोड़ रुपये हैं।
  • पुस्तकालय, संग्रहालय और गैलरी के निर्माण के अलावा, स्मारक में डॉ. आंबेडकर की जीवनी भी दिखाई जाएगी। पार्क में चौड़ी गलियों और आकर्षक फुटपाथों पर बाबासाहेब के सुविचार को प्रदर्शित किया जाएगा।
  • भारत भर के विभिन्न स्थानों से डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्मारकों की छवियां यहां होंगी; जिसमें दीक्षाभूमि (नागपुर), चैत्यभूमि (मुंबई), आंबेडकर स्मारक (लखनपुर) और प्रेरणा स्थल (नोएडा) को दिखाया जाएगा।

 

3. स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी, मुंबई, महाराष्ट्र (450 फीट)

आंबेडकर की सबसे बड़ी मूर्तियां
मुंबई, महाराष्ट्र के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक में स्थापित होने वाली 450 फीट ऊंची मूर्ति

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक या ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ मुंबई, महाराष्ट्र में एक प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्मारक है, जो 2024 में बनकर तैयार होंगा। यहां डॉ. आंबेडकर की 137.3 मीटर (450 फीट) ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो 45 मंजिला इमारत जितनी ऊंची होगी । यह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा होगी। (biggest ambedkar statue in india) कुतुब मीनार से दोगुनी होगी आंबेडकर की ये प्रतिमा।

स्मारक का उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2015 को किया था। जैसा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर समानता के पक्षधर थे इसलिए, स्मारक को “समानता की मूर्ति” कहा जाता है। यह स्मारक बाबासाहेब की समाधी स्थली चैत्यभूमि के पास है। स्मारक का भूमि क्षेत्र साढ़े 12 एकड़ है और इसकी लागत लगभग 783 करोड़ रुपये आंकी गई है।

इस स्मारक का मुख्य आकर्षण डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विशाल मूर्ति होंगी। जमीन से मूर्ति की कुल ऊंचाई 137.3 मीटर (450 फीट) होगी। इसमें 30 मीटर (100 फीट) संसद भवन की प्रतिकृति का आधार भवन और उस पर 106 मीटर या 350 फीट बाबासाहेब की मूर्ति होगी। यह प्रतिमा कांस्य धातु की होगी। मुंबई स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा होगी।

अप्रैल 2023 में, राज्य सरकार ने कहा था की इस विशाल मूर्ति को खड़ा करने में लगभग ढाई साल (दिसंबर 2025) लगेंगे। स्मारक के कामों को प्रत्यक्ष रूप से देखने वाले लोकमत न्यूज रिपोर्ट की माने तो इस मूर्ति का काम 2026 में या इसके बाद ही पूरा होने की सम्भावना है।

450 ft tall Dr Ambedkar statue in Mumbai
450 ft tall Dr Ambedkar statue in Mumbai

 

मुंबई की डॉ आंबेडकर प्रतिमा बनेगी दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति

दुनिया में शीर्ष 5 सबसे ऊंची मूर्तियाँ (आधार के साथ कुल ऊँचाई)

#

मूर्ति

स्थान 

ऊँचाई

1

पटेल की 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी'

भारत

240 मीटर (787 फीट)

2

बुद्ध का 'स्प्रिंग टेंपल बुद्ध'

चीन

208 मीटर (682 फीट)

3

डॉ. आंबेडकर की 'स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी'

भारत

137.3 मीटर (450 फीट)

4

बुद्ध की 'लाइकुन सेक्या'

म्यांमार

129.2 मीटर (424 फीट)

5

महादेव की 'स्टैच्यू ऑफ बिलीफ'

भारत

107 मीटर (351 फीट)

आंबेडकर की सबसे बड़ी मूर्तियां

इंदु मिल स्थित स्मारक में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई गई है, जो 450 फीट ऊंची प्रतिमा की प्रतिकृति है। स्मारक में बौद्ध स्थापत्य शैली के गुंबद और स्तूप, संग्रहालय, साथ ही गैलरी से लेकर हाउस प्रदर्शनियां होंगी।

स्मारक का लेआउट आर्किटेक्ट शशि प्रभु ने तैयार किया है। स्मारक संरचना मुख्य प्रवेश द्वार एसकेएस मार्ग के साथ कंडेल रोड के केंद्र के समानांतर है और आंबेडकरवादियों की सुविधा के लिए चैत्यभूमि से जुड़ी हुई है।

स्मारक का एक मुख्य आकर्षण झील के चारों तरफ 25,000 वर्ग फुट का स्तूप होगा। अशोक चक्र के समान पत्थर के 24 आरी वाला एक विशाल गुंबद होंगा, साथ ही 39,622 वर्ग फुट जगह में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन पर एक संग्रहालय और पुस्तकालय स्थापित किया जाएगा।

स्मारक क्षेत्र में 500 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी। स्मारक के निर्माण की जिम्मेदारी “मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण” (MMRDA) को सौंपी गई है।

प्रतिमा के चारों ओर छह मीटर लंबा वृत्ताकार पथ होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ जनसभाओं के लिए एक हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक सभागार होगा। विपश्यना के लिए आने वाले लोगों के लिए एक ध्यान केंद्र होगा।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अनुसंधान केंद्र में एक पुस्तकालय होगा। इसमें बाबासाहेब पर लिखी गई किताबें, उनके साहित्य, जीवनी, वृत्तचित्रों, लेखों के साथ-साथ उनके सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक योगदान पर शोध के बारे में जानकारी वाली किताबें शामिल होंगी। केंद्र में व्याख्यान और कार्यशालाओं के लिए 400 लोगों की क्षमता वाला एक सभागार होगा।

इंदु मिल के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक को अनौपचारिक (unofficial) रूप से ‘समानता की मूर्ति’ कहा जाता है। बाबासाहेब के परपोते आनंदराज आंबेडकर ने प्रतिमा का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ (Statue of Equality) रखा है, लेकिन राज्य सरकार ने इस नाम का कहीं उल्लेख नहीं किया है।

महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर इस स्मारक का उल्लेख “डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का भव्य स्मारक” किया है। महाराष्ट्र सरकार को भी आधिकारिक (official) तौर पर ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ नाम को मान्यता देनी चाहिए।

 

स्टैच्यू ऑफ नॉलेज

13 अप्रैल 2022 को, लातूर में बाबासाहेब आंबेडकर की 72 फीट ऊंची प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ नॉलेज’ का अनावरण किया गया। – आंबेडकर की मूर्तियां

14 अप्रैल 2022 को, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने घोषणा की है कि राजधानी भोपाल में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की सबसे बड़ी स्टैच्यू स्थापित की जाएगी। हालांकि, उन्होंने प्रतिमा की ऊंचाई की जानकारी नहीं दी हैं, लेकिन वह 100 फीट से ज्यादा ऊंची होने की संभावना है।

 

शीर्ष 10: भारत की सबसे ऊंची मूर्तियाँ; इसमें डॉ. आंबेडकर की सबसे बड़ी मूर्तियां

भारत की शीर्ष दस सबसे ऊंची मूर्तियों में डॉ. इसमें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की तीनों प्रतिमाएं शामिल है। बाबासाहेब की 450 फीट ऊँची प्रतिमा दूसरे स्थान पर और अन्य 125 फीट (38 मीटर) ऊँची दो प्रतिमाएँ 9वीं सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। आधार भवन एवं आधार संरचना के आलावा मूर्तियों की ऊंचाई


FAQs

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर (597 फीट) है। आधार भवन के साथ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की कुल ऊंचाई 240 मीटर (787 फीट) है।



सारांश

दोस्तों, आज इस पोस्ट में आपने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 3 सबसे विशाल मूर्तियों (The 3 Tallest Statues of Dr. B.R. Ambedkar) के बारे में जाना। डॉ. आंबेडकर की प्रतिमाओं (Statues of Dr Ambedkar) से जुड़ी यह जानकारी आपको कैसी लगी यह हमें कमेंट में जरूर बताइए। अगर आपको यह लेख पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर करना ना भूले, धन्यवाद।

 

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