आंबेडकर जयंती भारत में सबसे बड़े त्योहारों में से एक है जो व्यापक रूप से देश के सभी हिस्सों में मनाई जाती है। 14 अप्रैल यानी Ambedkar Jayanti को देश विदेशों के कई राज्य सरकारों द्वारा समानता दिवस या अन्य नाम से आधिकारिक रूप में मनाया जाता है। आज हम जानेंगे की, भारत के अलावा दुनिया में कहां आंबेडकर जयंती को समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है। – Ambedkar Jayanti in World
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती को दुनिया के तीन देशों के पांच राज्यों द्वारा ‘आधिकारिक दिवस’ के रूप में घोषित किया गया है। इन राज्यों ने 14 अप्रैल को ‘समानता दिवस’, ‘ज्ञान दिवस’ और ‘न्यायसम्य या न्यायबुद्धि दिवस’ जैसे अलग-अलग लेकिन सार्थक नाम दिए हैं। world biggest jayanti in world
Ambedkar Jayanti 2023 : अमेरिका, कनाडा के अलावा दुनिया में कहाँ आंबेडकर जयंती को ‘समानता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है?
विश्व में Ambedkar Jayanti का celebration
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जयंती भारत में एक बहुत प्रसिद्ध त्योहार है। वह न केवल भारत में मनाई जाती है बल्कि आज यह दुनिया भर के कई देशों में मनाई जाती है। यह बाबासाहेब की वैश्विक पहचान है।
भारत के संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उनका काम और उपलब्धियां अद्वितीय हैं। इसलिए दुनिया भर में बाबासाहेब का सम्मान हो रहा है।
- समानता दिवस – Equality Day (इक्वालिटी डे)
- ज्ञान दिवस – Knowledge Day (नॉलेज डे)
- न्यायबुद्धि दिवस – Equity Day (इक्विटी डे)
- आंबेडकर जयंती से जुड़ी रोचक और खास बातें
- डॉ. आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय पुरस्कारों को केन्द्र सरकार भूल गई है
Ambedkar Jayanti 2023 : बाबासाहब की जयंती मनाने वाले राज्य सरकारों के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पहले, भारत सरकार द्वारा बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती के अवसर पर किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में जानते हैं।
भारत – सामाजिक न्याय वर्ष
14 अप्रैल 1990 को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को उनकी 99वीं जयंती पर भारत सरकार द्वारा देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। हालांकि, उन्हें यह सम्मान बहुत देर से यानी उनकी मृत्यु के 32 साल बाद मिला।
साथ ही, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 100वीं जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार ने 14 अप्रैल 1990 से 14 अप्रैल 1991 (99वीं से 100वीं Ambedkar Jayanti) तक की एक वर्ष की अवधि को ‘सामाजिक न्याय का वर्ष’ (इयर ऑफ सोशल जस्टिस) के रूप में घोषित किया।
समानता एवं सामाजिक न्याय के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले बाबा साहब को यह भारत सरकार द्वारा दी गई आदरांजली थी। इसी साल भारतीय संसद में बाबासाहेब का तैलचित्र भी लगाया गया था। साथ ही, सरकार ने डॉ आंबेडकर के सम्मान में एक रुपए का सिक्का निकाला था जिस पर बाबासाहब की प्रतिमा को चित्रित किया गया था।
अब हम देखते हैं कि दुनिया में कहा डॉ आंबेडकर के जन्मदिन को किसी ‘विशेष दिवस’ के रूप में मान्यता प्राप्त है।
महाराष्ट्र – ज्ञान दिवस
महाराष्ट्र राज्य में Ambedkar Jayanti को ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2017 में, महाराष्ट्र सरकार ने 14 अप्रैल को ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में घोषित किया था। हम सब जानते हैं की बाबासाहब बहुत ही ज्यादा बुद्धिमान शख्स थे, इसलिए उन्हें ‘ज्ञान का सागर’ तथा ‘सिंबल ऑफ नॉलेज’ भी कहा जाता है।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को ‘समानता तथा ज्ञान के प्रतीक’ के रूप में जाना जाता है, और इसके कारण महाराष्ट्र सरकार ने भी उनकी उपलब्धियों के अनुरूप उनके जन्मदिन को ‘ज्ञान दिवस’ नाम के साथ मनाने का फैसला किया। world biggest jayanti
बाबासाहब एक मराठी व्यक्ति थे और महाराष्ट्र उनकी कर्मभूमि थी। महाराष्ट्र को “फुले-शाहू-आंबेडकर का महाराष्ट्र” कहा जाता है, क्योंकि इन तीन महान समाज सुधारकों ने महाराष्ट्र राज्य को सबसे अधिक प्रभावित किया है, और इसलिए महाराष्ट्र को आज ‘प्रगतिशील महाराष्ट्र’ के रूप में जाना जाता है।
ज्ञान दिवस घोषित करने से पहले, 27 अक्टूबर 2017 को, महाराष्ट्र सरकार ने डॉ. आंबेडकर की स्मृति में 7 नवंबर को ‘छात्र दिवस’ या ‘विद्यार्थी दिवस’ के रूप में घोषित किया था। इस दिन डॉ. आंबेडकर का स्कूल प्रवेश दिवस था।
7 नवंबर 1900 को बाबासाहेब आंबेडकर ने सतारा शहर के सरकारी हाई स्कूल (अब प्रतापसिंह हाई स्कूल) में पहली अंग्रेजी कक्षा में प्रवेश लिया था। यहाँ उन्होंने 4वीं तक यानी 1904 तक पढ़ाई की। इस स्कूल में उनका नाम भिवा रामजी आंबेडकर के रूप में दर्ज है।
- दुनिया की 10 बौद्ध महिला राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री
- दिल्ली में लगी डॉ आंबेडकर की 10 शानदार मूर्तियां
ब्रिटिश कोलंबिया – समानता दिवस
ज्ञान दिवस के चार साल बाद, 2021 में, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के सरकार ने 14 अप्रैल को ‘डॉ. बी.आर. आंंबेडकर समानता दिवस’ के रूप में घोषित किया। डॉ आंंबेडकर को इस तरह से सम्मानित करने वाला यह पहला विदेशी राज्य बना।
इसके अगले वर्ष, 2022 में, ब्रिटिश कोलंबिया सरकार ने दोबारा आंबेडकर जयंती को समानता दिवस के रूप में मनाया। डॉ आंबेडकर को ‘समानता का प्रतीक’ माना जाता है, इसलिए उनके जन्मदिन को ‘इक्वालिटी डे’ यानी ‘समानता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
2022 में ब्रिटिश कोलंबिया सरकार ने अप्रैल के महीने को ‘दलित इतिहास माह’ (दलित हिस्ट्री मंथ) के रूप में मनाया। ‘दलित इतिहास माह’ डॉ बाबासाहेब आंबेडकर से जुड़ा महीना है।
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर की 131वीं जयंती (2022) को अन्य तीन राज्य सरकारों द्वारा ‘समानता दिवस’ और ‘इक्विटी दिवस’ के रूप में घोषित किया गया है। इनमें से दो राज्य अमेरिका के और एक राज्य भारत का है।
ब्रिटिश कोलंबिया राज्य में ‘समानता दिवस‘ घोषित होने से एक साल पहले, इसी राज्य के बर्नाबी शहर में 14 अप्रैल, 2020 को ‘डॉ बी.आर. आंंबेडकर समानता दिवस’ के रूप में मनाया था। world biggest jayanti in india
कॉलोराडो – इक्विटी डे
दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के कॉलोराडो (Colorado) राज्य की सरकार ने 14 अप्रैल 2022 को ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर इक्विटी दिवस’ के रूप में मनाया। किसी अमेरिकी राज्य में पहली बार बाबासाहेब की जयंती को ‘आधिकारिक दिवस’ के रूप में मान्यता दी गई।
ध्यान देने की बात यह है की, कोलोराडो में बाबासाहेब के जन्मदिन को ‘इक्वालिटी डे’ (समानता दिवस) के बजाय ‘इक्विटी डे’ (न्यायबुद्धि दिवस) के रूप में घोषित किया गया। इक्वालिटी और इक्विटी इन अवधारणाओं में कई समानताएँ हैं और दोनों ही बाबासाहेब के कार्य पर लागू होती हैं।
मिशिगन – इक्विटी डे
कोलोराडो के बाद, 14 अप्रैल 2022 को अमेरिका के मिशिगन (Michigan) राज्य की सरकार ने भी 14 अप्रैल को ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर इक्विटी डे’ (Dr. B. R. Ambedkar Equity Day)’ के रूप में मनाया। संदर्भ
मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर (Gretchen Whitmer) ने 14 अप्रैल, 2022 को ‘डॉ बी.आर. आंंबेडकर इक्विटी दिवस’ के रूप में घोषित किया; तथा मिशिगन की सीनेटर दयाना पोलहंकी (Dayna Polehanki) ने डॉ. आंबेडकर को “भारत का मार्टिन लूथर किंग” कहा। संदर्भ
मिशिगन – सोशल इक्विटी वीक
2023 में भी अमेरिकी राज्य मिशिगन में बाबासाहब को सम्मानित किया जा रहा है। डॉ बाबासाहब आंबेडकर और महात्मा फुले के सम्मान में, मिशिगन की गवर्नर, ग्रेटचेन व्हिटमर ने 9 – 15 अप्रैल, 2023 को मिशिगन में “सोशल इक्विटी वीक” के रूप में घोषित किया हैं। संदर्भ
महात्मा जोतीराव फुले (11 अप्रैल) और डॉ बाबासाहेब आंबेडकर (14 अप्रैल) इन दोनों की जयंतियां इस सप्ताह में हैं।
तमिलनाडु – समानता दिवस
महाराष्ट्र, ब्रिटिश कोलंबिया, कोलोराडो और मिशिगन के बाद 30 अप्रैल 2022 को भारत के तमिलनाडु राज्य सरकार ने भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मदिन को ‘समानता दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। समानता दिवस को स्थानीय तमिल भाषा में ‘समथुवा नाल’ (Samathuva Naal) कहा जाता है।
महाराष्ट्र के बाद पहली बार किसी भारतीय राज्य ने ऐसा फैसला लिया है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु इन दोनों राज्यों की खास बात यह है कि वह क्रमशः भारत के पहले और दूसरे सबसे अमीर राज्य हैं।
बर्नाबी, जर्सी सिटी और सरे – समानता दिवस
ब्रिटिश कोलंबिया के बर्नाबी शहर में Ambedkar Jayanti – 14 अप्रैल का दिन ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर डे ऑफ इक्वालिटी’ (डॉ बी आर आंबेडकर समानता दिवस) के रूप में मनाया जाता है। 6 अप्रैल, 2020 को बर्नाबी नगर निगम इसे घोषित किया गया। संदर्भ
इसके बाद, वर्ष 2022 में, अमेरिका के न्यू जर्सी राज्य के जर्सी सिटी (Jersey City) शहर में 14 अप्रैल को ‘समानता दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई। जर्सी सिटी के नगर निगम ने यह फैसला लिया है। संदर्भ
इसी वर्ष, ब्रिटिश कोलंबिया राज्य के सरे (Surrey) शहर में भी डॉ अंबेडकर जयंती ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर डे ऑफ इक्वालिटी’ के रूप में मनाई गई। संदर्भ
राज्य / शहर अधिकृत दिवस (14 एप्रिल) स्थान व ओळख महाराष्ट्र ज्ञान दिवस भारतीय राज्य बर्नाबी डॉ. बी.आर. आंबेडकर समता दिवस कॅनेडियन शहर ब्रिटिश कोलंबिया डॉ. बी.आर. आंबेडकर समता दिवस कॅनेडियन राज्य कोलोरॅडो डॉ. बी.आर. आंबेडकर न्यायबुद्धी दिवस अमेरिकन राज्य तामिळनाडू समता दिवस भारतीय राज्य जर्सी सिटी समता दिवस अमेरिकन शहर सरे डॉ. बी.आर. आंबेडकर समता दिवस कॅनेडियन शहर मिशिगन डॉ. बी.आर. आंबेडकर न्यायबुद्धी दिवस अमेरिकन राज्य
अब आप जान गए होंगे कि 2022 से पहले, बाबासाहेब का जन्मदिन आधिकारिक तौर पर केवल महाराष्ट्र (2017 से) और ब्रिटिश कोलंबिया (2021 से) में मनाया जाता था। और, 2022 में, कोलोराडो, मिशिगन और तमिलनाडु इन तीन नए राज्यों ने उसी तरह का फैसला किया।
तीन देशों (भारत, कनाडा और अमेरिका) की पांच राज्य सरकारें डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती को समानता दिवस, ज्ञान दिवस और न्यायबुद्धि दिवस के रूप में मनाती है।
भविष्य में, आंबेडकर जयंती को एक आधिकारिक दिवस के रूप में मनाने वाले राज्यों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी। महाराष्ट्र, ब्रिटिश कोलंबिया, मिशिगन, कोलोराडो और तमिलनाडु इनका अनुकरण दुनिया भर के अन्य राज्य भी करेंगे।
आंबेडकर जयंती हो ‘अंतर्राष्ट्रीय समानता दिवस‘!
भारत सरकार द्वारा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मदिन को ‘अंतर्राष्ट्रीय समानता दिवस’ के रूप में घोषित करने के संबंध में सकारात्मक रुख अपनाया जाना चाहिए। इसके लिए हमारी सरकार को आवश्यक उपाय कर संयुक्त राष्ट्र में इसका प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए।
डॉ. बाबासाहेब को ‘विश्व का प्रणेता’ कहने वाले संयुक्त राष्ट्र द्वारा आंबेडकर जयंती तीन बार (2016, 2017 और 2018) मनाई जा चुकी है, इसलिए संयुक्त राष्ट्र को बाबासाहेब के योगदान के बारे ज्यादा बताना नहीं पड़ेगा।
यदि बाबासाहेब के जन्मदिन को ‘अंतर्राष्ट्रीय समानता दिवस’ के रूप में घोषित किया जाता है तो यह उनके लिए सर्वोच्च वैश्विक सम्मान होगा।
भारत में क्यों नहीं Ambedkar Jayanti ‘राष्ट्रीय समानता दिवस‘?
विश्व की सबसे बड़ी जयंती आंबेडकर जयंती : भारत सरकार द्वारा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती को ‘राष्ट्रीय समानता दिवस’ के रूप में घोषित किया जाना चाहिए। (इस पर एक अलग विश्लेषणात्मक लेख लिखा जाएगा)
सारांश
आंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti in Hindi) के संदर्भ में लिखा गया यह लेख आपको कैसा लगा इस बारे में हमें जरूर बताएं। आपके मन में इस लेख संबंधी या अन्य कोई सुझाव हो तो हमें ई-मेल द्वारा या कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताइए। धन्यवाद।
यह भी पढ़े
- प्रसिद्ध बौद्ध हस्तियां
- मराठी बौद्ध कलाकार
- आंबेडकर परिवार की संपूर्ण जानकारी
- बौद्ध धर्म से सम्बंधित सभी लेख
- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर से सम्बंधित सभी लेख
‘धम्म भारत’ पर मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में लेख लिखे जाते हैं :
दोस्तों, धम्म भारत के इसी तरह के नए लेखों की सूचना पाने के लिए स्क्रीन की नीचे दाईं ओर लाल घंटी के आइकन पर क्लिक करें।
(धम्म भारत के सभी अपडेट पाने के लिए आप हमें फेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)