सामाजिक न्याय की प्रतिमा – आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई गई है। इस भव्य प्रतिमा का अनावरण 19 जनवरी 2024 को किया गया। इस 125 फीट ऊँची प्रतिमा की 81 फीट ऊंचे चबूतरे के साथ कुल ऊंचाई 206 फीट है। यह प्रतिमा हैदराबाद की आंंबेडकर प्रतिमा से भी 31 फीट ऊंची है। – Dr Ambedkar statue in Vijayawada
एक तरफ तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बाबासाहब की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण 14 अप्रैल 2023 को हुआ। दुसरी तरफ आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में भी एक दुसरी बाबासाहब की 125 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित है।
125 feet tall Dr Ambedkar statue in Vijayawada
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर के केंद्र में स्वराज्य मैदान है, जिसमें ‘डॉ. बी. आर. आंबेडकर स्मृति वनम’ यानि ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मारक’ बनाया गया है। इसी स्मारक में संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 125 फीट (38 मीटर) ऊंची भव्य प्रतिमा का लगाई गई ।
यह 125 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा 81 फुट ऊंचे चबूतरे या आधार भवन पर स्थापित है। चबूतरे के साथ इस मूर्ति की कुल ऊंचाई 206 फीट (63 मीटर) है। डॉ. बाबासाहब आंंबेडकर की मूर्ति भारत की शीर्ष सबसे ऊंची मूर्तियों में चौथे स्थान पर है, तथा दुनिया की शीर्ष 40 सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है।
आंध्र प्रदेश के राज्य के समाज कल्याण मंत्री मेरुगु नागार्जुन ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मृति वनम’ समिति के अध्यक्ष है। शिक्षा मंत्री ओडिमुलपु सुरेश ने कहा, “125 फुट की आंबेडकर प्रतिमा दलितों के आत्मसम्मान का प्रमाण है।” आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि “डॉ. बी.आर. आंबेडकर की प्रस्तावित 125 फीट ऊंची प्रतिमा स्मारक उद्यान के साथ उच्च गुणवत्ता की होगी और प्रतिमा में एक चमकीली चिंगारी होगी।”
9 जुलाई, 2020 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के बीचों-बीच स्थित स्वराज मैदान में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास किया था। उस वक्त जगन मोहन रेड्डी ने कहा था, “डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में एक महान शक्ति थे। डॉ. आंबेडकर ने अंग्रेजी भाषा में महारत हासिल करने के अपने दृढ़ संकल्प के माध्यम से अंग्रेजी शिक्षा के महत्व को साबित किया।”
“Dr. Babasaheb Ambedkar was a great force in the country’s social, economic and political spheres. Dr. Ambedkar had proved the importance of English education through his determination to master the language.”
— YS Jagan Mohan Reddy, Chief Minister of Andhra Pradesh
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इससे पहले भी राज्य में बाबासाहब की विशाल मूर्ति स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। 2015 में, आंध्र प्रदेश के तात्कालिक मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भारतीय संविधान के निर्माता के 125वीं जयंती के अवसर पर ₹200 करोड़ रूपये लागत से डॉ. आंबेडकर परियोजना की घोषणा की थी। यह परियोजना आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के इनावोलु गांव में लागू की जानी थी। इस परियोजना में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का भव्य स्मारक और उसमें उनकी 125 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने की योजना थी। इस प्रतिमा को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर बनाने का निर्णय लिया गया था, इसलिए इस प्रतिमा की ऊंचाई भी 125 फीट रखी गई।
लेकिन सत्ता में आने के चार साल बाद भी मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू इस काम को अंजाम नहीं दे पाए। मई 2019 में, जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनी, जिसने एन. चंद्रबाबू नायडू की ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मृति वनम’ परियोजना को छोड़ दिया, और विजयवाड़ा शहर में नई परियोजना बनाई। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की “डॉ बी आर आंबेडकर स्मृतिवनम” परियोजना में भी बाबासाहेब आंबेडकर का भव्य स्मारक और उनकी 125 फीट ऊंची मूर्ति बनाने का संकल्प किया गया। 9 जुलाई, 2020 को मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विजयवाड़ा में “डॉ बी आर आंबेडकर स्मृतिवनम” का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ‘पीडब्ल्यूडी मैदान’ के नाम से जाने वाले ‘स्वराज्य मैदान’ का नाम बदलकर ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्वराज्य मैदान’ कर दिया। इस प्रतिमा का अनावरण 14 अप्रैल 2023 को होना था, हालांकि स्मारक का काम पूरा नहीं हो सका। 19 जनवरी 2024 को बाबासाहेब की इस प्रतिमा का अनावरण किया गया।
विजयवाड़ा में आंबेडकर प्रतिमा के रिकॉर्ड
- बाबासाहब की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा
- भारत की चौथी सबसे ऊंची प्रतिमा
- दक्षिण भारत की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा
- भारत में दूसरी सबसे ऊंची खड़ी प्रतिमा
- हैदराबाद की आंबेडकर प्रतिमा से 31 फीट ऊंची
‘स्टॅच्यू ऑफ सोशल जस्टिस’ की विशेषताएं
विजयवाड़ा में बनी भव्य आंबेडकर प्रतिमा की खास एवं महत्वपूर्ण बातें…
- डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मृतिवनम (डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मारक) 18.81 एकड़ में बना है। प्रारंभ में स्मारक के लिए केवल 7 एकड़ भूमि उपलब्ध थी, लेकिन शेष कंस्ट्रक्शन को हटाना पड़ा और स्मारक के लिए अन्य 12 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई।
- स्मारक में मुख्य आकर्षण का केंद्र डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा है, जो देखने में बेहद भव्य और आकर्षक है।
- यह आंबेडकर प्रतिमा 81 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित है, जिससे प्रतिमा की कुल ऊंचाई 206 फीट है। यह दुनिया में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की सबसे ऊंची आंबेडकर प्रतिमा है। (साल 2026 में मुंबई, महाराष्ट्र में बाबासाहब आंबेडकर की 450 फीट ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार होगी।)
- प्रतिमा में बाबासाहब के जूते लगभग 12 फीट ऊंचे हैं, जिनका वजन करीब 12 टन है।
- बाबासाहेब की यह प्रतिमा कांस्य धातु से बनी है।
- स्मारक का निर्माण विजयवाड़ा के स्वराज्य मैदान (पीडब्ल्यूडी मैदान) में हुआ है, जिसका नाम बदलकर ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्वराज्य मैदान’ रखा गया है।
- यह एक प्रतिष्ठित परियोजना है और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण होगी।
- स्मारक में एक सुंदर उद्यान विकसित किया गया है, जिसमें आकर्षण का केंद्र आंंबेडकर की भव्य मूर्ति है। इसके अलावा इस स्मारक में अन्य मूर्तियां, अनुसंधान केंद्र, पुस्तकालय, संग्रहालय, गैलरी और अन्य संरचनाएं भी शामिल हैं।
- 2,000 लोगों की क्षमता वाला एक सभागार, 500 लोगों की क्षमता वाला एक ओपन थिएटर और साथ ही एक ध्यान केंद्र विकसित किया जाएगा।
- इस स्मारक में डॉ. आंबेडकर की जीवनी भी दिखाई जाएगी। पार्क में चौड़ी गलियों और आकर्षक फुटपाथों पर बाबासाहेब के सुविचार को प्रदर्शित किया गया है।
- भारत भर के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर से जुड़े विभिन्न स्थानों एवं स्मारकों की छवियां यहां लगाई गई है; जिसमें दीक्षाभूमि (नागपुर), चैत्यभूमि (मुंबई), आंबेडकर स्मारक (लखनपुर) और प्रेरणा स्थल (नोएडा) भी शामिल है।
- इस प्रतिमा को बनाने में 400 मीट्रिक टन स्टील और 112 मीट्रिक टन पीतल का इस्तेमाल किया गया है।
- Ambedkar statue in Vijayawada – इस परियोजना पर कुल लागत 404.35 करोड़ रुपये हैं।
- चेन्नई स्थित IIIT ने प्रतिमा की डिजाइन बनाई है। इस प्रतिमा को आंध्र प्रदेश राज्य के मंत्रियों, विधायकों और तेलुगू लोगों के सुझावों और राय को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
- 19 जनवरी 2024 को इस भव्य आंबेडकर प्रतिमा एवं स्मारक का अनावरण किया गया।
- कच्चे माल की सोर्सिंग से लेकर डिजाइनिंग तक, मूर्ति का निर्माण पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत किया गया था। इसे बनाने में लगभग 400 टन स्टील लगा है।
- मूर्ति को बनाने की जगह स्वराज मैदान समेत मूर्ति के आसपास के क्षेत्र को फिर से विकसित किया गया। परिसर में जल निकाय और अन्य सुविधाओं का ध्यान भी रखा गया है। साथ ही यहां म्यूजिकल वॉटर फाउंटेन भी बनाया गया है।
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डॉ आंबेडकर की पांच सबसे ऊंची मूर्तियां
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की पांच सबसे ऊंची मूर्तियां, जिनमें से 1 निर्माणाधीन है…
- डॉ. बाबासाहेब आंंबेडकर की प्रतिमा – 27 फीट 6 इंच, बोरबंदा, तेलंगाना; 2019 को अनावरण हुआ।
- स्टेचू ऑफ़ नॉलेज – 70 फीट उँचाई; लातूर, महाराष्ट्र; 13 अप्रैल 2022 को अनावरण हुआ।
- डॉ. बी. आर. आंंबेडकर प्रतिमा – ?? फीट उँचाई; जयपुर, राजस्थान; 22 जून 2008 को अनावरण हुआ। [सन्दर्भ]
- डॉ. बी. आर. आंंबेडकर प्रतिमा – 125 फीट उँचाई + आधार भवन 50 फीट; हैदराबाद, तेलंगाना; 14 अप्रैल 2023 को अनावरण हुआ।
- डॉ. बी. आर. आंंबेडकर स्मृतिवनम – 125 फीट ऊंचाई + आधार भवन 81 फीट; विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश; 19 जनवरी 2024 को अनावरण हुआ।
- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक (समानता की प्रतिमा) – 350 फीट ऊंचाई + आधार भवन 100 फीट; मुंबई, महाराष्ट्र; मई 2026 में अनावरण होगा।
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